2025 के अप्रैल महीने में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस हमले में 26 लोगों की जान जाने के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है और इसके जवाब में दोनों देशों ने कड़े कदम उठाए हैं। पहले पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था, अब भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। इस टकराव ने पूरे दक्षिण एशिया में सुरक्षा चिंताओं को गहरा दिया है।
पाकिस्तान ने बढ़ाई वायु रक्षा तैयारियां
पाकिस्तान ने सिर्फ हवाई क्षेत्र बंद करने तक ही सीमित नहीं रहकर अपनी सैन्य तैयारियां भी तेज कर दी हैं। पाकिस्तान ने एलओसी (नियंत्रण रेखा) के आसपास चीन से आयातित विमानरोधी मिसाइल प्रणालियां तैनात कर दी हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए सीमा क्षेत्रों में जैमर सिस्टम भी लगा दिए हैं। पाकिस्तान की यह तैयारी भारत की किसी भी संभावित जवाबी कार्रवाई के प्रति आशंका को दर्शाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा चीन की एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली की तैनाती, न सिर्फ सैन्य ताकत का प्रदर्शन है, बल्कि यह एक रणनीतिक संकेत भी है कि वह भारत की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार है।
भारत का कड़ा जवाब
भारत ने भी पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया है। भारत ने 30 अप्रैल को नोटम (नोटिस टू एयरमेन) जारी कर घोषणा की कि 23 मई तक पाकिस्तान के स्वामित्व और संचालन वाली किसी भी उड़ान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय सुरक्षा और रणनीतिक कारणों से लिया गया है और यह स्पष्ट करता है कि भारत अब पाकिस्तान के किसी भी कदम को नजरअंदाज नहीं करेगा।
नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी
भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव का सबसे बड़ा केंद्र नियंत्रण रेखा (एलओसी) बन गया है। पाकिस्तान की सेना ने लगातार सातवें दिन संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। 30 अप्रैल और 1 मई की रात कुपवाड़ा, उरी और अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की। भारतीय सेना ने भी तुरंत और प्रभावी जवाबी कार्रवाई की। सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की यह गोलीबारी सुनियोजित और भड़काऊ है, जिसका उद्देश्य सीमा पर तनाव बढ़ाना है।
बढ़ती हुई चिंताएं और संभावित परिणाम
विश्लेषकों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इस समय जो टकराव चल रहा है, वह किसी भी समय और ज्यादा खतरनाक रूप ले सकता है। दोनों देशों ने जिस तरह हवाई क्षेत्र एक-दूसरे के लिए बंद किए हैं, वह नागरिक उड्डयन पर सीधा प्रभाव डाल रहा है और यात्रियों को अधिक समय, अधिक ईंधन और उच्च लागत का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अलावा, सीमा पर लगातार गोलीबारी, हवाई रक्षा प्रणालियों की तैनाती और सशस्त्र बलों की बढ़ती सक्रियता यह संकेत देती है कि दोनों देशों के बीच एक छोटे स्तर की सैन्य झड़प भी बड़े संघर्ष में बदल सकती है।