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Tuesday, June 17, 2025

भारत में HMPV के छह मामले आए सामने, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा – “चिंता की बात नहीं”

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भारत में ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में हाल ही में वृद्धि दर्ज की गई है। सोमवार, 6 जनवरी को देश में कुल पांच मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से दो बच्चे चेन्नई में उपचाराधीन हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने देशवासियों को आश्वस्त किया है कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क है और स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है।

HMPV, जो 2001 में पहली बार पहचाना गया था, दुनिया भर में कई वर्षों से सक्रिय है। यह वायरस मुख्य रूप से श्वसन मार्ग से फैलता है और सर्दी-गर्मी के मौसम में अधिक संचारित होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, वायरस के कारण होने वाले लक्षण कोविड-19 से काफी मिलते-जुलते हैं, जिनमें बुखार, खांसी, नाक बहना और सांस की तकलीफ शामिल हैं। हालांकि, नड्डा ने स्पष्ट किया कि यह कोई नया वायरस नहीं है और इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।

भारत में HMPV के छह मामलों की पुष्टि सोमवार को हुई, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और गुजरात से छह मामलों की रिपोर्ट मिली है। जिसमें दो मामले कर्नाटक में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए नियमित सर्वेक्षण में सामने आए। इसके बाद, दो और मामले चेन्नई में और एक मामला अहमदाबाद में पाया गया। सभी मरीजों को उपचार दिया जा रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “HMPV से संबंधित रिपोर्टों को लेकर चिंता की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत के स्वास्थ्य नेटवर्क पूरी तरह से तैयार हैं और सभी मामलों का बारीकी से निगरानी की जा रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) के अधिकारी चीन और अन्य पड़ोसी देशों में बढ़ते HMPV मामलों की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

नड्डा ने यह भी जानकारी दी कि हाल ही में 4 जनवरी को एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें वर्तमान स्वास्थ्य परिदृश्य का विश्लेषण किया गया।

हालांकि, HMPV के मामलों में हलचल देखने को मिल रही है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सामान्य श्वसन संक्रमण की तरह ही है और इसके मामलों में कोई असाधारण वृद्धि नहीं हुई है। भारत में अभी तक कोई बड़ी महामारी जैसी स्थिति उत्पन्न नहीं हुई है।

विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि वायरस का प्रभाव आमतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों पर अधिक होता है। साथ ही, यह वायरस श्वसन तंत्र के संक्रमण का कारण बन सकता है, जो पहले से मौजूदा किसी संक्रमण के साथ मिलकर गंभीर हो सकता है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री और अन्य संबंधित एजेंसियां ​​सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिलकर HMPV के मामलों की निगरानी कर रहे हैं और स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की कमी को दूर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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