क्या किचन में खुद से खाना बनाना अब पुरानी बात हो गई है? ऑनलाइन Food Delivery प्लेटफॉर्म्स की बढ़ती लोकप्रियता ने इस सवाल को और बड़ा बना दिया है। लोग अब खाना बनाने के बजाय कुछ ही क्लिक में मनपसंद खाना ऑर्डर कर रहे हैं। लेकिन क्या इसका असर हमारे स्वास्थ्य और बजट पर भी पड़ रहा है?
फूड डिलीवरी की बढ़ती दीवानगी!
वर्किंग प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स के लिए Food Delivery Apps वरदान बन गए हैं। मिनटों में ऑर्डर, बिना मेहनत और झंझट के खाना हाज़िर।Swiggy, Zomato और दूसरी फूड डिलीवरी कंपनियां भारी डिस्काउंट और कैशबैक ऑफर्स के ज़रिए ग्राहकों को लुभा रही हैं।घर पर रोज़ाना वही खाना खाने से बेहतर लोग अलग-अलग रेस्टोरेंट्स के नए-नए फ्लेवर ट्राई करना पसंद कर रहे हैं।

घर का खाना क्यों फिर भी ज़रूरी?
बाहर का खाना भले ही स्वादिष्ट हो, लेकिन इसमें ज्यादा तेल, मसाले और Processed Ingredients होते हैं, जो लंबे समय में सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रोज़ बाहर से खाना मंगाने पर जेब पर बोझ बढ़ सकता है, जबकि घर का बना खाना सस्ता और सेहतमंद होता है।होम कुकिंग सिर्फ खाना बनाने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि परिवार के साथ समय बिताने और मिलकर खाना एंजॉय करने का तरीका भी है।

क्या होम कुकिंग होगी खत्म?
हालांकि, टेक्नोलॉजी ने खाने की आदतों को बदल दिया है, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घर का खाना पूरी तरह गायब नहीं होगा। लोग अब Balanced Lifestyle की तरफ बढ़ रहे हैं – weekdays में घर का हेल्दी खाना और वीकेंड पर फूड डिलीवरी का मज़ा!
तो अगली बार जब आपको भूख लगे, क्या आप ऑर्डर करेंगे या खुद से कुकिंग करेंगे?
