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Sunday, December 14, 2025

डीडवाना में कस्टोडियन जमीन विवाद पर सरकार ने बनाई विशेष कमेटी

डीडवाना में कस्टोडियन जमीन विवाद की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष कमेटी गठित की। किसानों की 78 साल पुरानी पुश्तैनी दावेदारी पर अब होगी कानूनी जांच।

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राजस्थान के डीडवाना जिले में कस्टोडियन जमीनों का वर्षों पुराना विवाद अब नई दिशा में बढ़ रहा है। लंबे समय से किसान इन जमीनों को सरकारी घोषित किए जाने का विरोध कर रहे थे। आखिरकार राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पर विस्तृत जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित कर दी है। यह कदम उन सैकड़ों परिवारों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आया है, जिनकी पुश्तैनी जमीनें पिछले कई वर्षों से विवाद के कारण अनिश्चितता में थीं।

सरकार ने किसानों की शिकायतों और प्राप्त अभ्यावेदनों की समीक्षा के बाद चार सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश जारी किया है। आदेश राजस्व विभाग के वरिष्ठ शासन उप सचिव कैलाश चंद्र कुमावत द्वारा जारी किया गया। इस कमेटी में डीडवाना, चोमू और जयपुर के तहसीलदारों के साथ एक डिप्टी लैंड रिकॉर्ड्स अधिकारी को शामिल किया गया है। टीम का काम जमीनों के स्वामित्व, कब्जे और सरकारी रिकॉर्ड से जुड़े हर पहलू का कानूनी परीक्षण करना है।

किसानों का दावा है कि वे 78 सालों से इन जमीनों पर काबिज हैं और इन्हें अपनी पुश्तैनी संपत्ति मानते हैं। इन जमीनों को मूल रूप से शुरुआती दौर में कस्टोडियन श्रेणी में रखा गया था, ताकि इनका उपयोग पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए किया जा सके। हालांकि स्थानीय किसानों का कहना है कि उनके परिवार इस भूमि पर पीढ़ियों से खेती करते आए हैं। 2011 में इन जमीनों को अचानक सरकारी घोषित कर दिया गया, जिससे किसानों में भारी नाराजगी फैल गई। तभी से यह मामला लगातार विपक्ष और किसान संगठनों के लिए बड़ा मुद्दा बना रहा।

कमेटी अब उन दस्तावेजों की पड़ताल करेगी, जिनके आधार पर किसान स्वामित्व का दावा कर रहे हैं। जांच पूरी होने के बाद यह रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी। किसानों का मानना है कि निष्पक्ष जांच होने पर उनकी पुश्तैनी दावेदारी साबित हो जाएगी और उन्हें उनका अधिकार वापस मिल सकेगा।

इस पूरे मुद्दे को लगातार उठाने वाले डीडवाना विधायक यूनुस खान ने कमेटी गठन को किसानों की बड़ी जीत बताया है। वे इस मुद्दे को विधानसभा से लेकर राजस्व विभाग तक लगातार उठा रहे थे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से मुलाकातें कीं और कई बार ज्ञापन भी सौंपे। आदेश जारी होते ही वे किसानों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत को संबंधित दस्तावेज सौंपे।

विधायक यूनुस खान ने कहा कि सैकड़ों किसान परिवारों की पीढ़ियों की आजीविका इन जमीनों पर आधारित है। सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए कमेटी का गठन किया है, जिससे किसानों की उम्मीद फिर से जगी है। उन्होंने भरोसा जताया कि जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी और किसान परिवारों को न्याय मिलेगा।

कस्टोडियन जमीनों को लेकर डीडवाना में आंदोलन कई वर्षों से जारी है। अब कमेटी के गठन से मामले में नया मोड़ आ गया है और किसानों को उम्मीद है कि यह कदम उनके संघर्ष को सही दिशा देगा। राज्य सरकार के इस निर्णय को क्षेत्र में राहत और उम्मीद की नजर से देखा जा रहा है।

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