Karnataka में Bike Taxi Services पर बड़ा झटका लगा है। Karnataka High Court ने दो महीने पुराना आदेश बरकरार रखते हुए साफ कह दिया है कि अब राज्य में Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियां बाइक टैक्सी नहीं चला सकेंगी। 16 जुलाई के बाद अगर Bike Taxi सड़क पर दिखीं, तो कार्रवाई तय है। कोर्ट के इस आदेश से जहां हजारों बाइक ड्राइवरों की रोज़ी-रोटी पर तलवार लटक गई है, वहीं आम जनता को अब महंगे विकल्पों की ओर रुख करना पड़ेगा।
हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच – चीफ जस्टिस वी. कामेश्वर राव और जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार ने साफ कर दिया कि सरकार ने अगर कोई ठोस नीति नहीं बनाई, तो कोर्ट राहत नहीं देगा। दरअसल, अप्रैल 2 को कोर्ट ने कंपनियों को छह हफ्ते का समय दिया था कि वे अपने संचालन को बंद करें, लेकिन इसके बाद भी कोई पुख्ता नीति सरकार की ओर से नहीं आई। अब कोर्ट ने स्पष्ट कह दिया कि Bike Taxi चलाना मौजूदा motor vehicle act 1988 का उल्लंघन है।
2021 से 2024 तक सरकार ने electric bike taxi के लिए एक पायलट स्कीम चलाई थी, लेकिन इसे साल 2024 में बंद कर दिया गया। सरकार का कहना है कि private bikes का गलत इस्तेमाल, ऑटो वालों से झगड़े और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों के चलते ये फैसला लिया गया।
इस आदेश से Bengaluru जैसे शहरों में रोजाना बाइक टैक्सी से सफर करने वाले लाखों लोग मुश्किल में हैं। कई लोगों के लिए ये सस्ती और तेज़ ट्रांसपोर्ट का एकमात्र सहारा था। अब लोगों को महंगे ऑटो या टैक्सी पर निर्भर रहना होगा।
अगली सुनवाई 24 जून को होगी और सरकार को 20 जून तक जवाब देना है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार आख़िरकार कोई नीति बनाएगी या Bike Taxi Serivce पूरी तरह खत्म हो जाएगी। ये फैसला सिर्फ कर्नाटक ही नहीं, बल्कि पूरे देश की अर्बन मोबिलिटी को झकझोर सकता है।