Ayodhya में भगवान राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की पहली वर्षगांठ के अवसर पर हजारों श्रद्धालु इकट्ठा हुए। यह समारोह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार मनाया गया और इस मौके पर पूरे शहर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।
भव्य आयोजन का केंद्र बना राम मंदिर
राम मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ सुबह से ही जुटने लगी। मंदिर को फूलों और दीयों से सजाया गया था, और विशेष पूजा का आयोजन किया गया। भक्तों ने भगवान राम के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसने उत्सव को और भव्य बना दिया।
दूर-दूर से आए भक्त
देश के कोने-कोने से श्रद्धालु इस महत्वपूर्ण दिन पर अयोध्या पहुंचे। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि राम मंदिर में आना उनके जीवन का सबसे पवित्र अनुभव है। एक भक्त ने कहा, “यह दिन हमारे लिए बेहद खास है। मंदिर के दर्शन करना और इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनना, हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
स्थानीय प्रशासन ने की विशेष तैयारी
अयोध्या में इस विशाल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन ने विशेष तैयारियां की थीं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। नगर निगम ने साफ-सफाई और सार्वजनिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा।
संतों और नेताओं की उपस्थिति
समारोह में कई प्रमुख संत और धार्मिक नेता उपस्थित थे। उन्होंने भगवान राम के आदर्शों और उनके जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। इसके अलावा, कई स्थानीय और राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
Ayodhya में उत्सव का माहौल
पूरे अयोध्या शहर में त्योहार जैसा माहौल था। राम की पैड़ी पर विशेष आरती का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। साथ ही, मंदिर परिसर के बाहर दुकानों और स्टालों पर राम मंदिर से जुड़े स्मृति चिह्न और प्रसाद खरीदे जा रहे थे।
ऐतिहासिक दिन की याद
राम मंदिर की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ की पहली वर्षगांठ का यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी बेहद खास रहा। भक्तों का जोश और आस्था इस बात का संकेत था कि राम मंदिर भारत के लोगों के लिए आस्था और एकता का प्रतीक बना रहेगा।