दिल्ली में आज यानी सोमवार, 11 अगस्त को बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि दिनभर उमस का असर बना रहेगा और नमी का स्तर दोपहर तक 63% से 76% के बीच रहने का अनुमान है। निजी मौसम वेबसाइट Accuweather के मुताबिक, आज दिनभर बादल छाए रहेंगे और कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के ताज़ा बुलेटिन के अनुसार, आज अधिकतम तापमान लगभग 34 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। मौसम के इसी तरह बने रहने के आसार 16 अगस्त तक हैं। यानी इस पूरे हफ्ते दिल्लीवासियों को बादल, उमस और कभी-कभार होने वाली हल्की बारिश का सामना करना पड़ेगा।
रविवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.6 डिग्री कम था। हालांकि न्यूनतम तापमान में अधिक गिरावट देखने को मिली, जो 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ — यह सामान्य से 3.2 डिग्री कम था। शनिवार को हुई तेज बारिश का असर रविवार को भी कुछ इलाकों में दिखा। IMD के आंकड़ों के अनुसार, रविवार सुबह 8:30 बजे तक 26.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।
बारिश के कारण राजधानी की हवा में भी सुधार आया है। सोमवार तड़के 2:30 बजे दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 91 दर्ज किया गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। अधिकांश इलाकों में AQI 100 से नीचे रहा। हालांकि, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, ओखला, पाटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी, वजीरपुर, आनंद विहार और मथुरा रोड जैसे इलाकों में AQI 100 से ऊपर दर्ज हुआ।
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने और हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए पहली बार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) का प्रयोग करने जा रही है। इस प्रोजेक्ट को दिल्ली पर्यावरण विभाग और IIT कानपुर मिलकर चला रहे हैं। योजना के तहत बादलों में विशेष केमिकल (सिल्वर आयोडाइड नैनोपार्टिकल, आयोडीन युक्त नमक और चट्टानी नमक) डालकर बारिश कराई जाएगी। इसके लिए विशेष रूप से तैयार Cessna 206H विमान का इस्तेमाल किया जाएगा, जो प्रदूषित इलाकों और पश्चिमी यूपी के कुछ हिस्सों में उड़ान भरेगा।
क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन की शुरुआत जुलाई में होनी थी, लेकिन मानसून के लंबा खिंचने की वजह से इसे अब अगस्त के आखिरी सप्ताह या सितंबर की शुरुआत तक टाल दिया गया है। विमान एक उड़ान में करीब 90 मिनट तक आसमान में रहेगा और लगभग 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा।
अगर यह प्रयोग सफल रहता है, तो यह न सिर्फ प्रदूषण कम करने में मदद करेगा, बल्कि दिल्लीवासियों को गर्मी और उमस से भी कुछ राहत मिल सकती है।
