दिल्ली की CM Rekha Gupta ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह उस आलीशान बंगले में नहीं रहेंगी, जिसमें कभी Arvind Kejriwal मुख्यमंत्री रहते थे। भाजपा द्वारा ‘शीशमहल’ कहे जाने वाले इस बंगले को लेकर Rekha Gupta ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब इसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ जनता के लिए होगा।
अपने इंटरव्यू में CM Rekha Gupta ने इस बंगले को लेकर तीन बड़े विकल्प गिनाए हैं—इस बंगले को या तो राज्य अतिथि गृह (स्टेट गेस्ट हाउस) में बदला जा सकता है, या फिर इसकी नीलामी करके पूरा पैसा सरकारी खजाने में जमा किया जाएगा, और तीसरा विकल्प यह है कि इसे जनता के लिए खोल दिया जाए ताकि लोग खुद देख सकें कि टैक्स के पैसे से कितना खर्च किया गया।
Rekha Gupta ने कहा, “यह घर रहने लायक नहीं है, आत्मा गवाही नहीं देती। जनता का पैसा लूटकर अगर कोई महल बना है तो उसमें रहना मेरे लिए संभव नहीं।” उन्होंने यह भी बताया कि वह अभी भी अपने पुराने छोटे घर में रह रही हैं और वहीं से सरकारी कामकाज चला रही हैं। उन्होंने कहा, “सरकारी घर जब मिलेगा तब मिलेगा, तब तक अपना घर ही हमारा ऑफिस है।”
Delhi का यह कथित ‘शीशमहल’ पहले से ही राजनीति के केंद्र में रहा है। भाजपा लंबे समय से आरोप लगाती रही है कि Kejriwal सरकार ने इस बंगले में करोड़ों रुपए खर्च किए। अब जब CM Rekha Gupta ने खुद इसे नकारते हुए जनता के लिए इस्तेमाल करने की बात कही है, तो यह मुद्दा और गर्मा गया है।
उन्होंने कहा, “जनता सुझाव दे रही है, हम हर विकल्प पर विचार कर रहे हैं। चाहे म्यूजियम बनाना हो या फिर स्टेट गेस्ट हाउस, जो भी होगा, जनता के फायदे का होगा।”
Rekha Gupta का यह कदम न केवल एक बड़ी राजनीतिक चाल माना जा रहा है, बल्कि इसे जनता के साथ सीधा जुड़ाव बनाने का प्रयास भी कहा जा रहा है। अब देखना होगा कि शीशमहल का भविष्य क्या तय होता है, लेकिन इतना तय है कि दिल्ली की राजनीति में यह बंगला अभी सुर्खियों में बना रहेगा।