राजस्थान में जैसलमेर के पास 14 अक्टूबर को हुए भीषण बस अग्निकांड में अब तक कुल 24 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। शनिवार को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दो घायलों — पोकरण निवासी महिपाल सिंह और जैसलमेर के मनोज भाटिया — ने दम तोड़ दिया। दोनों को बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।
यह हादसा तब हुआ जब जैसलमेर से जोधपुर जा रही एक निजी एसी स्लीपर बस अचानक आग की चपेट में आ गई। बस में उस समय कुल 57 यात्री सवार थे। आग इतनी तेज़ थी कि 19 यात्री मौके पर ही जिंदा जल गए थे, जबकि कई अन्य बुरी तरह झुलस गए। बाद में इलाज के दौरान पांच और यात्रियों की मौत हो चुकी है।
हादसे की वजह: तकनीकी खराबी और लापरवाही
पुलिस जांच में अब यह सामने आया है कि बस के पीछे एयर-कंडीशनिंग यूनिट में शॉर्ट सर्किट हुआ था, जिससे आग तेजी से फैली। बस में केवल एक ही दरवाजा था, जिससे अधिकांश यात्री बाहर नहीं निकल पाए। प्रारंभिक जांच के बाद परिवहन विभाग ने बस के मालिक और ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही, दो अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है ।
बचाव और राहत कार्य
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों और सेना के जवानों ने राहत अभियान शुरू किया। 12वीं रैपिड डिविजन के जवानों ने क्रेन और पानी के टैंकरों की मदद से आग बुझाने में प्रशासन का साथ दिया। फोरेंसिक और डीएनए विशेषज्ञ टीमों ने शवों की पहचान के लिए नमूने इकट्ठा किए, क्योंकि अधिकतर शव बुरी तरह जल चुके थे ।
सरकार की सहायता और मुआवज़ा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे में जान गंवाने वाले परिवारों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मुआवज़े की घोषणा की है। राज्य सरकार ने प्रति मृतक परिजनों को 10 लाख रुपये और जिन परिवारों ने तीन या उससे अधिक सदस्यों को खोया है, उन्हें 25 लाख रुपये तक की सहायता देने का निर्णय किया है। घायलों को 1 से 2 लाख रुपये की मदद दी जाएगी ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से प्रति मृतक ₹2 लाख और घायलों के लिए ₹50 हजार की आर्थिक सहायता घोषित की ।
जांच और कार्रवाई
सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है जो बस सुरक्षा मानकों की समीक्षा करेगी। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी ट्रांसपोर्ट विभाग को आदेश दिया है कि सभी निजी बसों की सुरक्षा जांच की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके ।
राजस्थान सरकार ने कहा है कि हादसे में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री शर्मा ने जोधपुर जाकर घायलों से मुलाकात की और अधिकारियों को सर्वोत्तम इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
यह हादसा राज्य ही नहीं, पूरे देश के लिए एक दर्दनाक सबक बन गया है कि परिवहन सेवाओं में सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई अवश्य होगी।
