17 दिसंबर को संविधान दिवस पर राज्यसभा में अपने संबोधन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सदन के नेता, जेपी नड्डा ने भारतीय संविधान की ऐतिहासिक यात्रा पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में चर्चा और बहस की परंपरा बहुत पुरानी है, और हमारे संविधान निर्माताओं ने इस परंपरा को ध्यान में रखते हुए संविधान का निर्माण किया।
नड्डा ने संविधान की मूल प्रति में मौजूद अजंता-एलोरा की गुफाओं और कमल के फूल की छाप का उल्लेख किया, जो भारतीयता और लोकतंत्र की ताकत को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि कमल का प्रतीक हमें यह सिखाता है कि हम कठिनाइयों के बावजूद लोकतंत्र को मजबूत करेंगे।
नड्डा ने बाबा साहब अंबेडकर की दूरदर्शिता की सराहना की और कहा कि भारतीय संघ को जोड़ने में सरदार पटेल की भूमिका अहम रही। उन्होंने आर्टिकल 370 के खिलाफ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संघर्ष को याद करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सूझबूझ की तारीफ की, जिसने 2019 में इसे समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को भारतीय संघ का अभिन्न हिस्सा बना दिया।
नड्डा ने आपातकाल को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कांग्रेस से इसे गलत ठहराने की अपील की और प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की कई सामाजिक और आर्थिक योजनाओं का उल्लेख किया।