RJD सुप्रीमो Lalu Yadav की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमीन के बदले नौकरी के मामले में 19 मार्च को पूछताछ के लिए तलब किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने इसकी जानकारी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से दी है।
परिवार के कुछ सदस्यों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया
इसी मामले में उनके परिवार के कुछ सदस्यों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है। सूत्रों ने बताया कि उनके बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किए जाने हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के एजेंसी के सामने पेश होने की उम्मीद नहीं है।
पिछले साल ईडी ने लालू परिवार के सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था
पिछले साल, ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में Lalu Yadav के परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दायर किया था, जिसमें उनकी पत्नी Rabri Devi और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।
11 मार्च को तेज प्रताप और हेमा यादव को भी तलब किया गया था
बता दें कि इससे पहले 11 मार्च तेज प्रताप और हेमा यादव को भी तलब किया था। जिसमें Tej Pratap Yadav और हेमा यादव को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई थी। अब अचानक लालू यादव को पूछताछ के लिए बुलाने से आरजेडी की टेंशन बढ़ गई है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला
बता दें कि जमीन बदले नौकरी के मामले में सीबीआई ने लालू समेत 78 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में काम करते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन और संपत्ति लिखवाई थी।
इस चार्जशीट में घोटाले के जोन के बारे में भी जानकारी दी गई थी। इनमें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर समेत कई रेलवे जोन शामिल थे।
मामले में लालू परिवार के 5 सदस्य आरोपी
इस मामले में लालू परिवार के 5 सदस्यों को आरोपी बनाया गया जिनमें लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप, राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा भारती शामिल हैं। इससे पहले 30 जनवरी 2025 को अदालत ने सीबीआई को एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी और उस समय रेलवे बोर्ड से सदस्य आरके महाजन सहित दो अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी थी।