महाकुंभ का आज आखिरी दिन है। सुबह 6 बजे तक 41.11 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। पिछले 44 दिन में 65 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। इतने लोग अमेरिका की आबादी (करीब 34 करोड़) से दोगुने हैं। महाशिवरात्रि पर्व स्नान के साथ ही 45 दिनों तक चले महाकुंभ का समापन हो जाएगा।
आज सुबह 10 बजे तक 81.09 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। महाशिवरात्रि पर 3 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। यानी, कुल आंकड़ा 66 से 67 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
संगम में डुबकी लगाने वालों की यह संख्या 193 देशों की जनसंख्या से ज्यादा है। सिर्फ भारत और चीन की आबादी महाकुंभ आए श्रद्धालुओं से ज्यादा है। योगी सरकार ने दावा किया कि दुनिया में हिंदुओं की आधी आबादी के बराबर लोग यहां आए हैं।

महाकुंभ में आखिरी स्नान को देखते हुए प्रयागराज शहर में 25 फरवरी की शाम से वाहनों की नो-एंट्री कर दी गई है। मेले के अंदर भी वाहन नहीं चल रहे हैं। रात से ही संगम जाने वाले रास्तों पर भारी भीड़ है। संगम घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं से घाट खाली कराए जा रहे हैं, ताकि वहां भीड़ न उमड़े।
महाकुंभ समापन तिथि
माघ पूर्णिमा के बाद महाकुंभ का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन होगा। इस वर्ष महाशिवरात्रि की तिथि का आरंभ 26 फरवरी को प्रातः 11:08 बजे होगा और इसका समापन 27 फरवरी को प्रातः 8:54 बजे होगा। चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, अतः व्रत भी 26 फरवरी को रखा जाएगा और इसी दिन महाकुंभ मेले का समापन होगा।
महाशिवरात्रि के लिए 350 से ज्यादा ट्रेनें
रेल मंत्रालय ने बताया कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षित और आरामदेह वापसी के लिए कुल 350 ट्रेन चलाने की योजना बनाई गई है. मंत्रालय के अनुसार, पिछले दो दिनों– रविवार और सोमवार को बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड में स्टेशनों पर अंतिम अमृत स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की संख्या अधिक रही.

महाकुंभ स्नान के शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, अंतिम महा स्नान के लिए विशेष शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 5:09 बजे से 5:59 बजे तक
प्रातः संध्या- प्रातः 5:34 बजे से 6:49 बजे तक
अमृत काल- प्रातः 7:28 बजे से 9:00 बजे तक
विजय मुहूर्त- दिन के 2:29 बजे से 3:15 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 6:17 बजे से 6:42 बजे तक
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महाकुंभ समापन के दिन स्नान की विधि
- स्नान करने से पहले गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का स्मरण करें। जल अर्पण करते हुए संकल्प लें कि यह स्नान आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जा रहा है।
- स्नान के दौरान “ॐ नमः शिवाय” और “हर हर गंगे” मंत्र का जाप करें और तीन या सात बार डुबकी लगाएं। सूर्य को जल अर्पित करते हुए “ॐ घृणिः सूर्याय नमः” मंत्र बोलें।
- स्नान के पश्चात जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और दक्षिणा दान करें। शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं।
- साथ ही आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं या “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें।
