कहते हैं जब किसी व्यक्ति के जीवन में पितृ दोष होता है तो उसका जीवन बेहद कठिन होता है। कहते हैं की किसी भी जातक की कुंडली में पितृ दोष लगने से जीवन में परेशानियों बेहद बढ़ जाती है इसलिए हर कोई पितृ दोष से मुक्त होना चाहता है और अगर आप भी पितृ दोष के मुक्ति पाना चाहते हैं तो महाकुंभ आपके लिए एक बेहतर अवसर हो सकता है.
ज्योतिषों के मुताबिक:
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए आप महाकुंभ के संगम तट पर गंगा किनारे स्नान के बाद श्राद्ध कर्म कर सकते हैं. इससे पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पितृ शांत होते हैं.
काले तिल अर्पित करें:
अर्यमा को पितरों का देव कहा जाता है. इसलिए महाकुंभ स्नाना के बाद अर्यमा की पूजा करें और उनको काला तिल अर्पित करें. ऐसा करने से पितर खुश होते हैं. इसके अलावा आपके वंश को देव अर्यमा और पितर दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
पितरों को जल अर्पित करें:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ में स्नान करने मात्र से व्यक्ति को कई अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं पितृ दोष से मुक्ति के लिए महाकुंभ में स्नान करने के दौरान थोड़ा-सा गंगाजल हाथ में लें और पितरों को इसे अर्पित कर प्रणाम करें। महाकुंभ में स्नान के बाद हाथ में थोड़ा सा गंगाजल लेकर पितरों को अर्पित करें। इसके बाद अपनी गलती के लिए पितरों से क्षमा याचना करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है।
कुंभ में स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें। पितरों की कृपा प्राप्त करने के लिए दान-पुण्य भी करें। पितरों का आशीष प्राप्त करने के लिए महाकुंभ में गरीब और जरूरतमंदों की सेवा करें। इसके अलावा आप श्राद्धकर्म और पिंडदान भी कर सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और कुंभ मेले में साधु-संतों की सेवा करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं और जातक को पित् दोष से छुटकारा मिल जाता है।