रेलवे यात्रा भारत में सबसे सस्ती और सुविधाजनक है और हर दिन लाखों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। लेकिन आपने कभी सोचा है कि इतने सारे ट्रेनों को एक साथ कैसे चलाया जाता है? इसका उद्देश्य रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दुनिया में इस तकनीक का सबसे बड़ा उदाहरण है।
1999 से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन विश्व का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम वाला स्टेशन है। 1,122 सिग्नल की गति यहां 11,000 रिले से नियंत्रित की जाती है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का वर्ल्ड रिकॉर्ड
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन विश्व का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम है। 1999 से आज तक, कोई भी व्यक्ति इस रिकॉर्ड को तोड़ नहीं पाया है। इस स्टेशन पर 11,000 से अधिक रिले हैं जो 1,122 अलग-अलग सिग्नलों को नियंत्रित करते हैं। यह सिस्टम सुनिश्चित करता है कि कोई भी ट्रेन गलत ट्रैक पर नहीं जाएगा, जिससे कोई दुर्घटना नहीं होगी। यह स्टेशन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इसी विशेषता के लिए दर्ज है।
पुराने दिल्ली स्टेशन से नई दिल्ली तक का सफर
आज से लगभग 70 साल पहले, पुरानी दिल्ली दिल्ली का मुख्य रेलवे स्टेशन था। लेकिन ट्रेनों की संख्या बढ़ने के साथ यात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगी। इसलिए 1956 में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बनाया गया था। उस समय यहाँ केवल एक प्लेटफॉर्म था। यह भारत का पहला स्टेशन था, जहां सभी यात्रियों को एक ही प्रवेश द्वार मिलता था। ट्रेन से पहले केवल बड़े लोग ही यात्रा कर सकते थे, लेकिन अब इस स्टेशन से आम लोग भी यात्रा कर सकते हैं।
2033 तक जापान से अपनी रेल योजना लाने की उम्मीद है
भारत में रेलवे की तकनीक में परिवर्तन और नई तकनीक का इस्तेमाल लगातार हो रहा है। भारत अब हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, चाहे वह शिक्षा प्रणाली हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो या अपनी संस्कृति हो जैसे कि कवच प्रणाली, आपको बता दें की 2033 तक जापान से अपनी रेल योजना लाने की उम्मीद है।