MUMBAI और नई दिल्ली को 2025 के लिए एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र में सीमा-पार रियल एस्टेट निवेश के लिए शीर्ष 10 शहरों में स्थान दिया गया है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में इन दोनों भारतीय शहरों को क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए उभरते केंद्रों के रूप में मान्यता दी गई है।
REPORT का मुख्य निष्कर्ष
रियल एस्टेट बाजार पर आधारित इस रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में निवेशक अब तेजी से भारत जैसे उभरते बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। मुंबई और नई दिल्ली ने अपनी आर्थिक स्थिरता, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और व्यावसायिक अवसरों के चलते इस सूची में जगह बनाई है।
MUMBAI की खासियत
मुंबई, जिसे भारत की वित्तीय राजधानी कहा जाता है, विदेशी निवेशकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बना हुआ है। यहां की कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी मेट्रो प्रोजेक्ट्स और स्मार्ट सिटी योजनाओं के चलते मुंबई में रियल एस्टेट बाजार और मजबूत होगा।
नई दिल्ली का योगदान
नई दिल्ली, जो भारत की राजनीतिक राजधानी है, ने भी इस सूची में अपनी जगह पक्की की है। बेहतर कनेक्टिविटी, बढ़ते औद्योगिक क्षेत्र और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना दिया है। नोएडा और गुरुग्राम जैसे उपनगरों का विकास भी इस रैंकिंग में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में से एक है।
भारत की बढ़ती क्षमता
भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र ने पिछले दशक में तेजी से विकास किया है। सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में बढ़ोतरी, और व्यावसायिक परियोजनाओं पर फोकस ने इसे वैश्विक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना दिया है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा
मुंबई और नई दिल्ली के साथ, इस सूची में टोक्यो, सिडनी, सिंगापुर और हांगकांग जैसे शहर भी शामिल हैं। ये शहर पहले से ही रियल एस्टेट निवेश के लिए लोकप्रिय रहे हैं, लेकिन भारतीय शहरों ने हाल के वर्षों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
विशेषज्ञों की राय
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में आर्थिक सुधार, स्मार्ट सिटी योजनाएं और स्थिर नीतियां निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। इसके अलावा, भारत की युवा जनसंख्या और तेजी से शहरीकरण भी इन शहरों को रियल एस्टेट निवेश के लिए उपयुक्त बना रहा है।
भविष्य की उम्मीदें
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई और नई दिल्ली आने वाले वर्षों में निवेशकों को और अधिक अवसर प्रदान करेंगे। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकार की अनुकूल नीतियों के चलते यह रुझान जारी रहने की संभावना है।
स्थानीय और वैश्विक प्रभाव
इस रैंकिंग ने भारत के रियल एस्टेट बाजार को वैश्विक मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। यह न केवल देश की आर्थिक क्षमता को दर्शाता है, बल्कि भारत को वैश्विक रियल एस्टेट निवेश का एक प्रमुख केंद्र भी बना रहा है।