नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार (15 फरवरी 2025) को हुई भगदड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई और 13 यात्री घायल हो गए। यह घटना न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का कारण बन गई है। सवाल उठता है कि इस प्रकार की घटना के लिए जिम्मेदार कौन है, और क्या सरकार ने इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाई है? रेलवे स्टेशन पर इस तरह की बड़ी दुर्घटना होने पर सरकारी तंत्र की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पहला सवाल यह है कि रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए किस हद तक इंतजाम किए गए थे। दिल्ली जैसे बड़े शहर में, जहां लाखों यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं, क्या रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए थे? अगर नहीं, तो क्या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी? इस घटना से यह साफ हो गया है कि रेलवे प्रशासन की ओर से जरूरी सावधानी नहीं बरती गई, जिससे इस तरह की दुर्घटना हुई।
दूसरा सवाल भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था को लेकर है। क्या सरकार और रेलवे प्रशासन ने इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए कोई विशेष उपाय किए थे? क्या प्लेटफार्म पर उचित पुलिस सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के उपाय थे? ऐसे बड़े रेलवे स्टेशनों पर, जहां हमेशा भारी भीड़ होती है, क्या इस तरह की भगदड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए थे? इन सवालों का जवाब ढूंढने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
इसके अलावा, इस घटना के बाद सरकार की प्रतिक्रिया पर भी सवाल खड़े होते हैं। क्या सरकार और रेलवे प्रशासन ने त्वरित और प्रभावी कदम उठाए? क्या घायलों को समय पर इलाज और सहायता मिली? घटना के बाद पीड़ितों के परिवारों के लिए क्या सहायता प्रदान की गई? जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, तो सरकार का तत्काल और उचित कदम उठाना बहुत जरूरी होता है, लेकिन इस मामले में यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इस दिशा में कितनी तत्परता दिखाई गई।
मनुष्य की जिंदगी की कीमत को समझते हुए सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए। क्या सरकार ने इस घटना के बाद अपनी नीतियों और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर पुनर्विचार किया है? क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे स्टेशनों के बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता नहीं है? अगर सरकार इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाती, तो यह एक बड़ी असफलता होगी।
इन सब सवालों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि सरकार और रेलवे प्रशासन को दिल्ली स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह समय की मांग है कि इस मामले की गहरी जांच की जाए और जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।