ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे तनाव और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने खुलकर स्वीकार किया कि भारत के साथ हालिया संघर्ष के दौरान चीन ने पाकिस्तान को भारत से जुड़ी खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई थी। उनका यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की छवि को और अधिक कठघरे में खड़ा करता है।
ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को अरब न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “मित्र देशों की ओर से सैटेलाइट या अन्य माध्यमों से खुफिया जानकारी साझा करना कोई असामान्य बात नहीं है। भारत के साथ टकराव के दौरान चीन ने हमें ऐसी जानकारियां दी थीं, जो हमारे लिए महत्वपूर्ण साबित हुईं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन और भारत के बीच भी कई विवाद हैं, और ऐसे में चीन द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देना स्वाभाविक है। उनका यह बयान न सिर्फ भारत-पाकिस्तान संबंधों में नई उथल-पुथल पैदा कर रहा है, बल्कि भारत-चीन संबंधों में भी नई बहस को जन्म दे सकता है।
इस बीच पाकिस्तान ने देशभर में हाई अलर्ट की स्थिति बनाए रखी है। ख्वाजा आसिफ ने कहा, “भारत के साथ जंग समाप्त हो चुकी है, सीजफायर लागू है, लेकिन हम अब भी सतर्क हैं। सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील नहीं दी गई है।”
इस पूरे घटनाक्रम के बीच चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद आज भी क्षेत्रीय शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान की भूमिका उजागर की।
राजनाथ सिंह ने ज्वाइंट डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने से इनकार करते हुए कहा कि “शांति और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। SCO देशों को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।”
इस तरह ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी गहरे आघात दिए हैं। पाकिस्तान का चीन से खुफिया सहयोग का यह कबूलनामा अब वैश्विक राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत कर सकता है।