नई दिल्ली, 9 अगस्त: संसद के मानसून सत्र के दौरान शुक्रवार को भी विपक्षी दलों ने बिहार में चल रहे विशेष पुनरीक्षण अभियान (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर जोरदार हंगामा किया। विरोध के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
लोकसभा: तीन बार स्थगन, अंततः पूरे दिन के लिए स्थगित
सुबह 11 बजे जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, तो सदन ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों और पूर्व सांसद सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी सांसदों ने बिहार SIR के मुद्दे पर नारेबाज़ी शुरू कर दी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने व्यवधान पर नाराज़गी जताते हुए सदन को 12 बजे तक स्थगित कर दिया।
12 बजे दोबारा कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। अध्यक्ष ने सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की और ज़ीरो आवर शुरू करने की कोशिश की, लेकिन शोरगुल के चलते सदन को दोपहर 3 बजे तक फिर से स्थगित करना पड़ा।
3 बजे के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी। विपक्षी सांसद वेल में आकर नारेबाज़ी करने लगे। इसी दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर विधेयक, 2025 वापस लेने का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया। लेकिन शोरगुल जारी रहने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि शुक्रवार निजी विधेयकों के लिए होता है, लेकिन विपक्ष ने वह अवसर भी बाधित कर दिया। अंततः कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा: बार-बार की अपील भी बेअसर, कार्यवाही ठप
राज्यसभा में भी सुबह 11 बजे की कार्यवाही स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ शुरू हुई। उपसभापति हरिवंश ने कहा कि आज भारत छोड़ो आंदोलन की 83वीं वर्षगांठ है, जो स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक क्षण था। उन्होंने विपक्ष के स्थगन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।
इसके तुरंत बाद विपक्ष ने SIR के मुद्दे पर शोरगुल शुरू कर दिया। 12 बजे दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो भी हंगामा जारी रहा। उपसभापति ने कहा कि अब तक 56 घंटे से ज्यादा समय हंगामों में बर्बाद हो चुका है, लेकिन सदन चलाना संभव नहीं हो पा रहा है। अंततः कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
