प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर को मिजोरम और मणिपुर के दौरे पर जा सकते हैं। यह जानकारी सरकारी सूत्रों से मिली है। खास बात ये है कि मणिपुर में मई 2023 में जो जातीय हिंसा हुई थी, उसके बाद पीएम मोदी की ये पहली यात्रा होगी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री सबसे पहले मिजोरम की राजधानी आइज़ोल जाएंगे। वहां वह बैराबी से सायरांग तक बनी नई रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। इस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” का हिस्सा माना जा रहा है। इसका मकसद है पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से बेहतर जोड़ना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
मिजोरम में तैयारियां शुरू
मिजोरम सरकार ने पीएम के दौरे की तैयारियों को लेकर बड़े स्तर पर मीटिंग की है। मिजोरम के मुख्य सचिव खिली राम मीणा ने पुलिस और बाकी सरकारी विभागों के साथ एक हाई-लेवल बैठक की। इस बैठक में सुरक्षा, ट्रैफिक, स्वागत कार्यक्रम और सड़कों की सजावट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
राज्य सरकार चाहती है कि इस उद्घाटन कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों, खासकर छात्र, किसान और सरकारी कर्मचारी। समारोह लाममौल इलाके में होगा, जहां पीएम मोदी मंच से लोगों को संबोधित कर सकते हैं।
रेलवे लाइन से मिजोरम को फायदा
51.38 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन के शुरू होने से मिजोरम की राजधानी आइज़ोल अब असम के सिलचर शहर से सीधे जुड़ जाएगी। इससे सामान लाना-ले जाना आसान होगा और यात्रियों को भी राहत मिलेगी। मिजोरम अब भारतीय रेलवे नेटवर्क से अच्छे से जुड़ जाएगा, जिससे कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मणिपुर हिंसा और पीएम मोदी का दौरा
मणिपुर में 3 मई 2023 को बड़ी जातीय हिंसा हुई थी। इसकी शुरुआत तब हुई जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने एक “जनजातीय एकजुटता मार्च” निकाला। ये मार्च मणिपुर हाई कोर्ट की उस सिफारिश के खिलाफ था, जिसमें बहुसंख्यक मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की बात कही गई थी।
जनजातीय समुदायों, खासकर कुकी-जो लोगों को डर था कि अगर मेइती समुदाय को ST का दर्जा मिल गया, तो वे पहाड़ी इलाकों में जमीन खरीद पाएंगे, जो अभी जनजातीय लोगों के लिए सुरक्षित हैं। इसी मुद्दे को लेकर हिंसा भड़क गई और देखते ही देखते ये पूरे राज्य में फैल गई।
पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर अभी इम्फाल की तरफ से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मिजोरम सरकार तैयारी में जुट गई है। अगर ये दौरा तय होता है, तो ये न सिर्फ विकास की योजना का हिस्सा होगा, बल्कि मणिपुर के लोगों के लिए एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संदेश भी माना जाएगा।