UPSC भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल 10 लाख बच्चे इस परीक्षा में बैठते हैं, जिनमें से कुल 19 सेवाओं में नियुक्ति की जाती है। वे बच्चे दिन-रात अपनी मेहनत में लगे रहते हैं। लेकिन क्या हो जब इतने बड़े परीक्षा के साथ धोखाधड़ी हो? जी हां, पूजा खेड़कर का नाम हर UPSC अभ्यर्थी को याद ही होगा।
क्या किया था पूजा खेड़कर ने?
खेड़कर पर आरोप है कि उन्होंने 2022 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देकर आरक्षण का लाभ लिया। हालांकि, खेड़कर ने सभी आरोपों को खारिज किया है। वहीं, खेड़कर ने 23 दिसंबर 2024 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) देने से इनकार कर दिया गया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि खेड़कर के खिलाफ मजबूत मामला बनता है और व्यवस्था में हेरफेर करने की बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए जांच करने की आवश्यकता है। गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इस पर अलग प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि पिछले साल 12 अगस्त को जब उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत की याचिका पर नोटिस जारी किया था, तब खेड़कर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया गया था। आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना बयान दिया है।
पूजा खेड़कर को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनरी अधिकारी पूजा खेड़कर को बड़ी राहत दी है। 14 फरवरी तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग को नोटिस जारी किया है।
पूजा के वकील ने क्या दी दलील?
इस मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी। पूजा के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणियां की हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि खेड़कर के साथ अभी तक कुछ नहीं हुआ है और “किसी ने उन्हें छुआ तक नहीं है”। लूथरा ने कहा कि यदि मामला सुनवाई के लिए जाता है, तो उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए मजबूत निष्कर्षों के कारण यह दोषसिद्धि का प्रमाण देना होगा।
आपको बता दें कि कोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि यदि न्यायालय ने खेड़कर की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछा, तो लूथरा ने कहा कि उन्होंने अपनी नौकरी खो दी है और कानूनी उपायों का सहारा ले रही हैं। वहीं, कोर्ट ने नोटिस जारी किया है, जिसमें 14 फरवरी 2025 तक जवाब दिया जाना है।
सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।
