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Sunday, October 26, 2025

बिहार की राजनीति में वर्षों से मुख्य मुद्दा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भविष्य पर उठ रहे हैं सवाल

नीतीश के बाद कौन आगे बढ़ेगा? जेडीयू ही नहीं, अन्य पार्टियाँ भी इस मुद्दे से जूझ रहे हैं।

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इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन बीजेपी और जेडीयू के नेताओं को अभी पता नहीं है कि क्या वे नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ सकेंगे।इसकी सबसे बड़ी वजह है नीतीश कुमार की बुरी सेहत और जेडीयू में उनके उत्तराधिकारी का संकट।

बिहार में भारतीय जनता पार्टी ने अपने दम पर सरकार नहीं बनाई है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की मदद से बीजेपी बिहार की सत्ता में रही है। यह भी सवाल उठता है कि क्या इन सबके बीच राज्य में बीजेपी को कोई बड़ा अवसर है या नहीं? यह भी प्रश्न है कि क्या राष्ट्रीय जनता

दल (आरजेडी) को बिहार की मौजूदा परिस्थितियों में बढ़ावा मिल रहा है?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पोस्टर बिहार की राजधानी पटना के वीरचंद पटेल में पड़ा हुआ है। एक पोस्टर पर लिखा था, “2025 से 30, फिर से नीतीश”। ऊपरी तौर पर, इस दफ़्तर में सब कुछ सही दिखता है। लेकिन पार्टी के भीतर बढ़ती हुई निराशा एक बार फिर सामने आती है।

जेडीयू के एक नेता ने बीबीसी से कहा, “हम लोग नेता (नीतीश कुमार) के चेहरे पर पार्टी में आए थे।” लेकिन नीतीश कुमार के बाद पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा? नेतृत्व के साथ पूरी तरह से वैक्यूम है। हमारे और पार्टी दोनों का भविष्य चिंताजनक है। ”

नीतीश के बाद कौन आगे बढ़ेगा? जेडीयू ही नहीं, अन्य पार्टियाँ भी इस मुद्दे से जूझ रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की खराब सेहत को देखते हुए, ये प्रश्न महत्वपूर्ण होता जा रहा है।नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर कई बार आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और जनसुराज पार्टी के अध्यक्ष प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होश में नहीं हैं और थक चुके हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार अब किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दे पर बोलते तक नहीं हैं। प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर प्रश्न उठाया।

74 वर्षीय नीतीश की बुरी सेहत की खबरें

बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण होने के बावजूद, नीतीश कुमार की चाल पर अब प्रश्न उठने लगे हैं। 74 वर्षीय नीतीश की बुरी सेहत की खबरें इसकी सबसे बड़ी वजह हैं। इन खबरों को जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने खारिज कर दिया है। वह कहते हैं, “इस उम्र में जो समस्याएँ सबको होती हैं, वही नीतीश कुमार को भी हो रही हैं। शेष सब ठीक है। उन्हें प्रगति की यात्रा करने के लिए राज्य भर में घूमना चाहिए था अगर वह सही नहीं होते? स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा भी रद्द कर दी गई।

पत्रकारों से उनकी सेहत के बारे में पूछा?

बीजेपी नेता संजय पासवान ने कहा, “उनकी तबीयत संबंधी खबरों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है जबकि वो सारा कामकाज अच्छे से संभाल रहे हैं।” लेकिन जेडीयू और बीजेपी कहते हैं कि बातें इतनी सरल नहीं हैं। नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के सहयोगी हाल के दिनों में उनकी बातचीत को बहुत ‘गार्डेड’ रखते हैं। अब वे सार्वजनिक भाषण करते हैं।

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों से उनकी सेहत के बारे में पूछा तो उन्होंने पूरी तरह से इनकार कर दिया। उनका दावा था कि नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ‘शत-प्रतिशत’ अच्छा है।

नीतीश कुमार के करीबी लोगों में से तीन नाम सामने आए

फिलहाल, नीतीश कुमार के करीबी लोगों में से तीन नाम सामने आते हैं। संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ये तीनों अलग-अलग दलों से जेडीयू में शामिल हुए हैं। अशोक चौधरी और विजय कुमार चौधरी दोनों कांग्रेस से जेडीयू में आए हैं, जबकि संजय झा बीजेपी से आए हैं। संजय झा को नीतीश कुमार से सबसे करीबी माना जाता है। हालाँकि, कहा जाता है कि गृह मंत्री अमित शाह भी उनके करीबी हैं।

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार क्या होंगे पार्टी में शामिल 

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार का नाम भी नेतृत्व की इसी समस्या को हल करने के लिए चर्चा में है। जेडीयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्रवण कुमार ने हाल ही में कहा, “निशांत का राजनीति में आना अच्छी बात है। निशांत, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है, जेडीयू में शामिल होने और पार्टी के गढ़ हरनौत विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की चर्चा है। लेकिन 49 वर्षीय निर्दोष व्यक्ति कई बार इससे इनकार करते रहे हैं।

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