TMC के सांसद कल्याण बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को केंद्रीय निधियों के आवंटन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान की तीखी आलोचना करी जिनमे उनके बोल बिगड़ गए, साथ में ही TMC के नेताओं ने मनरेगा के मुद्दे पर प्रदर्शन भी किया
बनर्जी के शिवराज के प्रति बिगड़े बोल
बनर्जी ने कहा, “हम कहते रहे हैं कि पश्चिम बंगाल को मिलने वाली केंद्रीय निधि राज्य को दी जानी चाहिए।” बनर्जी ने चौहान पर पश्चिम बंगाल के लोगों के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए कहा, ” शिवराज चौहान बंगाली लोगों के खिलाफ हैं। वे वहां (पश्चिम बंगाल) सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाएंगे।”
और दावा किया कि चौहान के कार्य गरीबों के लिए हानिकारक हैं, उन्होंने आरोप लगाया, “वे गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। शिवराज चौहान अमीर लोगों के लिए ‘दलाल’ हैं। उन्होंने कभी भी मध्य प्रदेश के गरीबों के लिए काम नहीं किया।” इससे पहले, संसद में टीएमसी सांसदों ने आज विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल को मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) निधि रोकने का आरोप लगाया ।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुछ समय के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर टीएमसी के मुद्दे को अपना समर्थन दिया
प्रदर्शनकारियों ने निधियों को तत्काल जारी करने की मांग करते हुए नारे लगाए, जो उनका दावा है कि राज्य में ग्रामीण रोजगार और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुछ समय के लिए विरोध प्रदर्शन में शामिल होकर टीएमसी के मुद्दे को अपना समर्थन दिया। इस बीच, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा समेत केरल के विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को संसद परिसर के बाहर मनरेगा मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया।
केसी वेणुगोपाल ने कहा
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, “एमजीएनआरई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, यदि काम की मजदूरी में 15 दिनों से अधिक की देरी हुई है, तो उन्हें ब्याज दिए जाने का प्रावधान होना चाहिए। दुर्भाग्य से, केरल के सभी क्षेत्रों में मनरेगा श्रमिकों को उनका वेतन नहीं मिलता है। इस पर केंद्रीय मंत्री की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं है। केंद्र सरकार इस योजना को खत्म करने की कोशिश कर रही है।” वेणुगोपाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मनरेगा अधिनियम के तहत, यदि श्रमिकों को 15 दिनों से अधिक समय तक मजदूरी में देरी होती है, तो उन्हें विलंबित भुगतान पर ब्याज मिलना चाहिए।
उन्होंने बताया कि केरल में कई मनरेगा श्रमिकों को उनका वेतन नहीं मिला है और इस मुद्दे को उठाने के बावजूद, केंद्र सरकार की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिली है। वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उस पर मनरेगा योजना को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।