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Tuesday, June 17, 2025

Abu azmi के बचाव मे उतरे समाजवादी सुप्रीमो Akhilesh Yadav 

अपने पार्टी के नेता को बचाने और निलंबन का विरोध करने सोशल मीडिआ के अखाड़े पर उतरे अखिलेश..

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अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में निलंबन के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि दंडात्मक उपायों से स्वतंत्र विचारों को बाधित नहीं किया जा सकता है, “यदि निलंबन का आधार विचारधारा से प्रभावित होने लगे, तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और गुलामी के बीच क्या अंतर रह जाएगा? हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी निर्भीकता बेजोड़ है। अगर कुछ लोग सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की जुबान पर लगाम लगाई जा सकती हैं , तोह यह उनकी नकारात्मक सोच का बचकानापन है।

Abu azmi के निलंबन का प्रस्ताव

संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सदन में कहा कि आजमी के आपत्तिजनक बयान से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है, जिसके चलते इस सत्र के लिए उनकी सदस्यता निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे अध्यक्ष ने पारित कर दिया।

Yogi adityanath नें भी विरोध किया

इस बीच, औरंगजेब पर समाजवादी पार्टी के विधायक के बयान पर, जिसे बाद में उन्होंने वापस ले लिया, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उस व्यक्ति को  (समाजवादी) पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका इलाज करेंगे।क्या छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत पर शर्म महसूस करने और औरंगज़ेब को अपना आदर्श मानने वाले को हमारे देश मे रहने का अधिकार हैँ?”
योगी ने समाजवादी पार्टी की आलोचना करते हुए ऐतिहासिक शख्सियतों पर उसके रुख पर सवाल उठाते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए। एक तरफ आप महाकुंभ को दोष देते रहते हैं… दूसरी तरफ आप औरंगजेब जैसे व्यक्ति की प्रशंसा करते हैं, जिसने देश के मंदिरों को नष्ट कर दिया… आप अपने उस विधायक को नियंत्रित क्यों नहीं कर सकते? आपने उनके बयान की निंदा क्यों नहीं की?”

यह था आज़मी का बयान

आजमी ने कथित तौर पर कहा था कि औरंगजेब एक “क्रूर प्रशासक” नहीं था और उसने “कई मंदिर बनवाए”। उन्होंने कहा कि मुगल बादशाह और छत्रपति संभाजी महाराज के बीच लड़ाई राज्य प्रशासन के लिए थी, न कि हिंदू और मुस्लिम के लिए।
अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो में कहा, “मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी अन्य के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन फिर भी अगर किसी को मेरे बयान से ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द, अपना बयान वापस लेता हूं।”
इससे पहले मंगलवार को अबू आज़मी ने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह अपना बयान वापस लेने और माफ़ी मांगने के लिये तैयार हैँ |
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