प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेला में श्रद्धालुओं का रेला लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों से संगम में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ से अधिक हो चुकी है। दावा किया जा रहा है कि अब तक देश-विदेश से लगभग 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
26 फरवरी तक इस संख्या में और भी वृद्धि होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस महाकुंभ के बीच उन्नाव जिले की जेल में बंद हजारों महिला और पुरुष बंदियों ने भी प्रयागराज के महाकुंभ के पवित्र जल से स्नान किया। यह उनके लिए विशेष अनुभव था क्योंकि कारागार में बंद रहते हुए उन्हें संगम में स्नान का अवसर प्राप्त नहीं हो सकता था, लेकिन उन्नाव जेल के अधीक्षक Pawan Singh के प्रयासों से यह संभव हो सका।
कैदियों ने किया संगम के जल से स्नान
जय अधीक्षक Pawan Singh ने बताया कि वह 14 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए गए थे। स्नान करने के बाद 15 फरवरी को लौटते समय में संगम का जल लेकर उन्नाव जेल पहुंचे। जेल में स्थित स्नान टंकी में उन्होंने इस जल को मिलाया और टंकी को फूलों से सजाकर बंदियों को संगम के जल से स्नान करने का अवसर प्रदान किया।
बंदियों ने ‘गंगा मैया की जय’ बोलते हुए पवित्र जल से स्नान किया और इसे अपने जीवन का सौभाग्य समझा। उन्नाव जेल में करीब 1000 बंदी है। जो महाकुंभ में नहीं जा सकते थे लेकिन जेल अधीक्षक के इस प्रयास ने उन्हें संगम के जल से आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका दिया। जेल अधिकारियों का कहना है कि इस पहल का मकसद कैदियों को उनके मनोबल को बढ़ाना और उनके मानसिक शांति के लिए अहम साबित हुआ।
27 फरवरी तक बड़ी अधिकारियों की तैनाती
प्रयागराज महाकुंभ में उम्र रही भारी भीड़ और माघ मेले के साथ अमृत स्नान को देखते हुए प्रशासन ने अधिकारियों की तैनाती की अवधि 27 फरवरी तक बढ़ा दी है। संगम में स्नान करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके कारण कानून व्यवस्था और ट्रैफिक मैनेजमेंट को सुचारू बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की मदद के लिए स्थानीय समाजसेवियों और नागरिकों ने भी अपनी सेवा दी है। लाखों श्रद्धालु जो भूख और प्यास से परेशान हो रहे हैं और लंबी दूरी पैदल तय कर रहे हैं, उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की जा रही है। इन समाज सेवियों के प्रयासों से श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है और यह कदम यात्रियों के लिए अत्यंत सहायक साबित हो रहा है।