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Monday, June 16, 2025

देशभर में समय से पहले ही दस्तक देती भीषण गर्मी: मौसम विभाग ने चेताया, अप्रैल-जून तक रह सकता है सामान्य से अधिक तापमान

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देश के अधिकतर हिस्सों में इस बार गर्मी ने अपने तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है। मार्च के अंतिम सप्ताह से ही सूरज की तल्खी लोगों को झुलसाने लगी है। राजधानी दिल्ली से लेकर सुदूर दक्षिण के राज्यों तक तापमान तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट और भी चिंता बढ़ाने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल से जून के बीच देश के कई हिस्सों में सामान्य से कहीं अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है।

हीटवेव की आहट, इस बार गर्मी तोड़ेगी रिकॉर्ड?

हर साल मई और जून में जब सूरज अपनी तीव्रता दिखाता है, तब लू और भीषण गर्मी की स्थिति सामान्य मानी जाती है। लेकिन इस साल हालात कुछ अलग हैं। मार्च के आखिरी हफ्ते से ही राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह संकेत है कि आने वाले दिन और भी अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, 2025 में अल नीनो की स्थिति कमजोर होने के कारण गर्मी की तीव्रता और बढ़ेगी। IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने कहा, “इस बार अल नीनो का असर कम रहेगा लेकिन गर्म हवाएं अधिक सक्रिय होंगी, जिससे अप्रैल से जून के बीच सामान्य से अधिक तापमान देखने को मिलेगा।”

दिल्ली-NCR से लेकर दक्षिण भारत तक पसीने छुड़ाने वाला मौसम

दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य भारत के राज्यों में अगले तीन महीनों तक तापमान में निरंतर वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। कई राज्यों में हीटवेव की स्थिति लगातार बनी रहेगी।

विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और तमिलनाडु में सामान्य से अधिक लू के दिन रहेंगे। IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात और ओडिशा में तो मार्च के पहले पखवाड़े में ही हीटवेव दर्ज की जा चुकी है।

इन राज्यों में अलर्ट, स्वास्थ्य पर डाल सकता है असर

IMD ने आने वाले दिनों में कई राज्यों के लिए हीटवेव अलर्ट जारी किया है।

  • 5 से 9 अप्रैल: गुजरात और राजस्थान में हीटवेव की संभावना।

  • 7 से 9 अप्रैल: मध्य प्रदेश में गर्म हवाएं सक्रिय रहेंगी।

  • 7 और 8 अप्रैल: दक्षिणी पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लू चल सकती है।

  • 6 से 9 अप्रैल: पश्चिमी राजस्थान में हीटवेव को लेकर विशेष अलर्ट।

इसके अतिरिक्त, कोंकण और गोवा में भी 5 से 9 अप्रैल तक गर्म मौसम रहने की संभावना है। पिछले 24 घंटों में ही कई शहरों में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। दिल्ली, पटना, लखनऊ, भोपाल, रायपुर, नागपुर, चेन्नई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में गर्मी का असर अब महसूस किया जाने लगा है।

यह सिर्फ गर्मी नहीं, स्वास्थ्य के लिए खतरा भी

भीषण गर्मी न केवल असहजता बढ़ाती है बल्कि स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकती है। हीटवेव की स्थिति में लू लगने, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना और तेज सिरदर्द जैसे लक्षण आम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ता तापमान बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है।

AIIMS दिल्ली के डॉक्टर अनुराग गुप्ता के अनुसार, “गर्मी से बचने के लिए दिन के समय घर से बाहर निकलने से बचें, खूब पानी पिएं और हल्के, सूती कपड़े पहनें। खासतौर पर दोपहर 12 से 3 बजे के बीच घर से निकलना टालें।”

क्या है हीटवेव और क्यों होती है?

हीटवेव यानी लू एक मौसमीय स्थिति है जिसमें तापमान सामान्य से कई डिग्री अधिक हो जाता है और हवाएं शुष्क होती हैं। भारत में जब तापमान समतल इलाकों में 40 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री से अधिक हो जाए तथा यह स्थिति लगातार दो-तीन दिनों तक बनी रहे, तो उसे हीटवेव कहा जाता है।

हीटवेव मुख्य रूप से इसलिए होती है क्योंकि उस क्षेत्र में हवाओं की नमी कम हो जाती है और तापमान में तेज़ी से वृद्धि होती है। जब यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे, तो यह लोगों की दिनचर्या और सेहत पर गंभीर असर डाल सकती है।

प्रशासन और जनता दोनों की भूमिका अहम

भीषण गर्मी से निपटने के लिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर तैयारी करनी होगी। कई शहरों में पहले ही वॉटर टैंकर और कूलिंग शेड जैसी व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई हैं। दिल्ली, जयपुर, नागपुर, हैदराबाद जैसे शहरों में म्युनिसिपल कॉरपोरेशन्स ने पार्कों में वाटर स्प्रे, छायादार टेंट और मेडिकल सहायता केंद्रों की व्यवस्था की है।

साथ ही, स्कूलों में अवकाश या समय परिवर्तन जैसे निर्णय भी राज्यों के शिक्षा विभाग द्वारा लिए जा रहे हैं ताकि बच्चों को लू से बचाया जा सके।

क्या मानसून लाएगा राहत?

IMD के अनुसार, इस बार मानसून सामान्य रहने की संभावना है, लेकिन वह जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में ही राहत देगा। यानी कि अप्रैल और मई का महीना लोगों के लिए कड़ी परीक्षा साबित हो सकता है।

डॉ. महापात्रा ने कहा, “मानसून की सामान्यता एक राहत की खबर है, लेकिन उससे पहले का समय अत्यंत सतर्कता की मांग करता है।”

र्मी से बचने के आसान उपाय

  1. पानी का अधिक सेवन करें – रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं।

  2. धूप में न निकलें – दोपहर के समय बाहर जाने से बचें।

  3. हल्के और ढीले कपड़े पहनें – सूती कपड़े गर्मी से बचाने में सहायक होते हैं।

  4. ओआरएस या नींबू पानी पिएं – शरीर की नमी बनाए रखने में मदद करता है।

  5. घर को ठंडा रखें – पर्दे लगाएं, पंखों का प्रयोग करें और ठंडे पानी से स्नान करें।

  6. बुजुर्गों और बच्चों पर खास ध्यान दें – ये वर्ग सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।

गर्मी का असर अब धीरे-धीरे पूरे देश में महसूस होने लगा है। ऐसे में आवश्यक सावधानी और सतर्कता ही इसे मात देने का एकमात्र उपाय है। मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लेना न केवल आपकी सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग को सुरक्षित रखने में भी मददगार साबित हो सकता है।

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