धरती के अंत को लेकर विभिन्न विचार सामने आते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी का विनाश सूर्य के कारण होगा. करीब एक अरब साल बाद सूर्य का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि वह पृथ्वी के वायुमंडल को वाष्पीकृत कर देगा और पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन को समाप्त कर देगा. इसके परिणामस्वरूप इंसान और जीव-जंतुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा.

कार्बन का स्तर तेजी से बढ़ेगा
ऑक्सीजन की कमी के कारण कार्बन का स्तर तेजी से बढ़ेगा, जिससे न केवल मनुष्य और जानवर, बल्कि पेड़-पौधे भी जीवन के लिए आवश्यक तत्वों की कमी महसूस करेंगे. सूर्य से आने वाली तेज गर्मी महासागरों के पानी को सुखा देगी, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह बंजर चट्टानों में बदल जाएगी और जीवन समाप्त हो जाएगा.
सूर्य का तापमान बढ़ने के कारण पृथ्वी पहले बहुत गर्म होगी, फिर धीरे-धीरे ठंडी होनी शुरू हो जाएगी. इसके कारण ग्लेशियर तेजी से पिघलेंगे और बड़ी मात्रा में पानी धरती में समा जाएगा. जब यह प्रक्रिया और धीमी होगी, तो पूरी पृथ्वी बर्फ से ढक जाएगी, और महासागर तथा भूमि एक-दूसरे में समा जाएंगे.
धरती के विनाश की भविष्यवाणी
वैज्ञानिकों का मानना है कि सूर्य अंततः एक विशालकाय लाल दानव में बदलकर अपनी उग्र ऊर्जा से पृथ्वी को नष्ट कर देगा. धर्मग्रंथों में भी धरती के विनाश की भविष्यवाणी की गई है, जिसमें अंधकार और पाप के बाद पृथ्वी के नष्ट होने का वर्णन है. हालांकि यह प्रक्रिया बहुत धीमी होगी, लेकिन वैज्ञानिक यह मानते हैं कि ब्रह्मांड में किसी भी चीज का अस्तित्व स्थायी नहीं है,