दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजदीक आते हीं, राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के हो गए हैं। भाजपा नेता Rajiv Chandrashekhar ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में दिल्ली में केवल भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान सामने आए। बीजेपी नेता Rajiv Chandrashekhar ने मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal पर झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया और विश्वास जताया कि इस बार दिल्ली की जनता बदलाव के लिए मतदान करेगी।
आगे Rajiv Chandrashekhar ने कहा, “जनता के मन में पूर्ण स्पष्टता है कि Arvind Kejriwal के नेतृत्व में बीते 10 साल केवल दिल्ली की बदहाली की तस्वीरें सामने आयी है। लोगों ने उन पर भरोसा जताया था, लेकिन उन्होंने सिर्फ भ्रष्टाचार और कुशासन का नया इतिहास रचा। लोग जानते हैं कि कौन-सी पार्टी और कौन-सा नेता वास्तव में विकास और बदलाव ला सकता है, और कौन सिर्फ झूठे वादे करता है। मैं निश्चित रूप से यह कह सकता हूं कि इस बार दिल्ली में बदलाव होगा और 5 फरवरी को यह बदलाव दिखेगा।”
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी केजरीवाल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बीते 10 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली को बर्बाद कर दिया है और अगर जनता ने फिर से आप को मौका दिया तो अगले 5 साल भी बर्बाद ही जायेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आम आदमी पार्टी को “आप की आपदा” करार दिया।
पीएम मोदी ने केजरीवाल के उन आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमे उन्होंने ने कहा था कि बीजेपी की सरकार आने पर दिल्ली की झुग्गियां उजाड़ दी जाएंगी। प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि अगर दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनती है, तो किसी भी झुग्गी को तोड़ा नहीं जाएगा और कोई भी जन-कल्याणकारी योजना बंद नहीं की जाएगी।
चुनाव प्रचार के आखिरी चरण में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के मामले, यमुना नदी की सफाई और अन्य मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने में पिछे नहीं हट रहे है।
आरोप-प्रत्यारोप के इसी चुनावी दौर में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि “केंद्र सरकार के बजट में महंगाई से उबरने के लिए कोई ठोस योजना नजर नहीं आयी”। उन्होंने केजरीवाल सरकार पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि “केजरीवाल ने खुद को ईमानदार बताते हुए दूसरों को चोर कहा, लेकिन अब वही केजरीवाल शराब घोटाले में फंसे हुए हैं।”
दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार चुनती है यह फैसला 8 फरवरी को होने वाली मतगणना के बाद ही तय की जाएगी।