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Tuesday, June 17, 2025

भारत में हुई यह 12 स्टार्टअप कपनियां बंद: रिपोर्ट

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2024 में कई स्टार्टअप्स ने बाजार में सफलता नहीं पा सकी और अपने ऑपरेशंस को बंद करने का निर्णय लिया। इन स्टार्टअप्स के पीछे की वजहें विविध थीं—वित्तीय संकट, व्यवसाय मॉडल में खामियां, पूंजी की कमी, और तकनीकी समस्याओं ने उन्हें अपने कारोबार को समाप्त करने के लिए मजबूर कर दिया। नीचे हम उन 12 प्रमुख स्टार्टअप्स के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे जिन्होंने 2024 में समापन किया, और यह समझने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया और क्या उन्हें सफल होने से रोकने वाले कारक थे।

BlueLearn: शिक्षा क्षेत्र में असफलता

ब्लूलेर्न की कहानी भारतीय शिक्षा और एडटेक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट बन गई है। यह स्टार्टअप 2021 में हरिश उथयाकुमार और श्रेयंस संचेती द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य एक सोशल लर्निंग प्लेटफॉर्म तैयार करना था, जो छात्रों को अपनी पढ़ाई में मदद करने के लिए एक दूसरे से जुड़ने का अवसर प्रदान करे। इसकी शुरुआत एक टेलीग्राम चैनल के रूप में हुई थी, जो छात्रों को समान विषयों पर एक-दूसरे से सवाल पूछने और जानकारी साझा करने का मंच देता था। जल्द ही, इस चैनल का समुदाय 1.5 लाख से अधिक छात्रों तक फैल गया और इसने 20 से अधिक देशों के 5,500 से ज्यादा कॉलेजों के छात्रों को जोड़ लिया।

ब्लूलेर्न ने अपनी सफलता के लिए कई निवेशकों से लगभग 3.95 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया था, जिसमें Elevation Capital, Lightspeed जैसे बड़े नाम शामिल थे। हालांकि, यह स्टार्टअप अपना व्यवसाय मॉडल स्थापित करने में पूरी तरह से असफल रहा। इसकी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि इसे एक स्थिर और दीर्घकालिक व्यापार मॉडल नहीं मिल पाया। इसके साथ-साथ, इस स्टार्टअप को तेज़ी से वृद्धि और ग्राहक आकर्षण के लिए भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

ब्लूलेर्न को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन व्यापारिक सफलता को हासिल करने में इसकी असफलता ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारतीय एडटेक क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा अत्यधिक है और सिर्फ एक अच्छा आइडिया ही पर्याप्त नहीं होता है। इसे देखते हुए, जुलाई 2024 में इसने अपने ऑपरेशंस को बंद करने का कठिन निर्णय लिया।

GoldPe: व्यापार मॉडल की खामियां और नकदी संकट

गोल्डपे भी भारतीय फिनटेक क्षेत्र में एक और स्टार्टअप था जो मात्र एक साल के भीतर बंद हो गया। इसे पार्थ शाह और याग्नि राओलजी ने 2023 में स्थापित किया था, और इसका उद्देश्य था डिजिटल गोल्ड में निवेश को एक नई दिशा देना। इसने उपयोगकर्ताओं को डिजिटल गोल्ड में निवेश करने का अवसर दिया और साथ ही एक पुरस्कार लिंक्ड बचत योजना भी पेश की, जिसमें उपयोगकर्ता अपने निवेश के जरिए पुरस्कार जीत सकते थे। इसके द्वारा उपयोगकर्ताओं को दिए गए पुरस्कार आकर्षक थे, और शुरुआत में इसने अच्छे ग्राहक प्राप्त किए थे।

हालांकि, गोल्डपे को एक स्थिर और टिकाऊ व्यवसाय मॉडल बनाने में कठिनाई हुई। यह सिर्फ 1.5 लाख रुपये का राजस्व ही कमा पाया, जबकि इसकी प्रारंभिक पूंजी 71 लाख रुपये थी। इसने निवेशकों से और पूंजी जुटाने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास भी सफल नहीं रहा। इसके साथ-साथ, बाजार में अन्य प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या और पूंजी की कमी ने इसे खत्म होने के कगार पर ला दिया। आखिरकार, गोल्डपे को अपनी सेवाओं को बंद करने का निर्णय लेना पड़ा, जिससे यह एक और उदाहरण बन गया कि एक अच्छे विचार के बावजूद सही रणनीति की कमी कैसे एक स्टार्टअप की विफलता का कारण बन सकती है।

Greenikk: कृषि क्षेत्र में घाटा

ग्रीनिक्क का मामला भारतीय कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल और उसमें सामने आने वाली समस्याओं को उजागर करता है। यह स्टार्टअप विशेष रूप से केले की खेती से संबंधित था और इसका उद्देश्य था किसानों को पूरी तरह से एक डिजिटल इकोसिस्टम के तहत सेवाएं प्रदान करना। ग्रीनिक्क ने किसानों को बीज, कृषि सलाह, वित्तीय सेवाएं और बाजार कनेक्शन प्रदान करने की योजना बनाई थी, ताकि वे बेहतर उत्पादन कर सकें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

किसानों को यह सेवाएं देने के बावजूद, ग्रीनिक्क उत्पाद-मार्केट फिट को ढूंढने में असफल रहा। इसके पास एक मजबूत व्यवसाय मॉडल नहीं था और इसे अपने लक्ष्य बाजार के लिए सही तरीके से जुड़ने में कठिनाई हुई। इसके अलावा, यह कर्ज़ की समस्या से जूझ रहा था, क्योंकि किसानों द्वारा लिए गए ऋणों में डिफॉल्ट की घटनाएं बढ़ रही थीं। इसके बाद, यह स्टार्टअप अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने में असफल हो गया और सितंबर 2024 में इसे बंद कर दिया गया।

insurStaq.ai: जनरेटिव एआई के बावजूद विफलता

इंशर्स्टैक.एआई जैसा एक जनरेटिव एआई स्टार्टअप भी scaling में विफल रहा। इस स्टार्टअप ने 2022 में शुरुआत की थी और इसका उद्देश्य था इंश्योरेंस उद्योग के लिए एआई-आधारित समाधान प्रदान करना। इसका पहला उत्पाद एक “सेल्स को-पायलट” था, जो इंश्योरेंस पेशेवरों को उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और तुलना करने में मदद करता था। इसके अलावा, इसने अन्य एआई-आधारित वर्कफ़्लोज़ भी बनाए थे, जो इंश्योरेंस पेशेवरों को बिक्री, समर्थन, अनुपालन, रिसर्च और अंडरराइटिंग जैसी प्रक्रियाओं में सहायता करते थे।

हालांकि, इंशर्स्टैक.एआई को अपने कारोबार को बढ़ाने में अत्यधिक संघर्ष करना पड़ा। इसका प्रमुख कारण था scaling में कठिनाई, क्योंकि इसने अपने उत्पादों को सही तरीके से बाज़ार में पेश नहीं किया और अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सका। इसके संस्थापकों ने यह घोषणा की कि वे अब एक नया स्टार्टअप, GenStaq.ai, लॉन्च करेंगे, जो डेवेलपर्स के लिए एक यूनिफाइड प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा।

Investmint: फिनटेक स्टार्टअप का विफलता

इंवेस्टमिंट भी एक और फिनटेक स्टार्टअप था, जो अपनी व्यापारिक असफलता के कारण बंद हो गया। इस स्टार्टअप ने 2022 में अपनी शुरुआत की थी और इसका उद्देश्य था उपयोगकर्ताओं को निवेश निर्णय लेने और संपत्ति प्रबंधन में मदद करना। हालांकि, यह स्टार्टअप अपने व्यापार मॉडल को सही तरीके से परिभाषित नहीं कर पाया और इसे बाजार में अपने उपयोगकर्ताओं को संतुष्ट करने में कठिनाई हुई। इसके संस्थापकों ने लगभग 2 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया था, लेकिन यह निवेश भी इसे टिकाऊ बनाने में असफल रहा।

Kenko Heath: फंड की कमी से विफलता

केनको हेल्थ, एक हेल्थ टेक स्टार्टअप था, जिसे 2019 में स्थापित किया गया था। इसके संस्थापकों ने अपनी स्वास्थ्य योजनाओं को सब्सक्रिप्शन के रूप में पेश किया था, जो उपयोगकर्ताओं को OPD सेवाएं, दवाइयाँ और अन्य स्वास्थ्य उत्पाद प्रदान करती थीं। हालांकि, बीमा नियामक (IRDAI) से बीमा लाइसेंस प्राप्त करने में विफलता और भारी नुकसान ने केनको हेल्थ को बंद करने पर मजबूर किया। इसके पास बड़ी पूंजी थी और इसके निवेशक भी काफी प्रमुख थे, लेकिन यह अपने वित्तीय और नियामक समस्याओं से उबरने में असफल रहा।

Koo: फंडिंग संकट और अधर में लटके अधिग्रहण वार्ता

कू, जो भारतीय माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म था, ने भी 2024 में अपनी यात्रा समाप्त की। यह स्टार्टअप ट्विटर के भारतीय संस्करण के रूप में उभरा था, लेकिन लंबे समय से चल रही अधिग्रहण वार्ताओं के विफल होने और निवेश की कमी के कारण इसे बंद कर दिया गया। कू के पास महत्वपूर्ण निवेश था, लेकिन यह अपने बाजार में स्थिरता हासिल करने में विफल रहा।

Muvin: RBI के आदेश के कारण निःशेष

मुविन एक नियोबैंकिंग स्टार्टअप था, जो छात्रों को वित्तीय साक्षरता प्रदान करने का कार्य करता था। हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक के आदेशों के कारण इसे अपनी सेवाओं को बंद करने का निर्णय लेना पड़ा। RBI के आदेश के तहत UPI को को-ब्रांडिंग में उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिससे मुविन की योजना ध्वस्त हो गई।

My Tirth India: वित्तीय संकट के कारण समापन

माय तीर्थ इंडिया, जो एक स्पिरिचुअल टेक स्टार्टअप था, ने भी अपनी यात्रा समाप्त की। इसका उद्देश्य था धार्मिक स्थानों के यात्रियों के लिए एक विस्तृत सेवा प्रदान करना, लेकिन इसके प्रमुख निवेशक के निधन के बाद इसकी वित्तीय स्थिति बिगड़ गई और यह बंद हो गया।

Nintee: उपयोगकर्ता बनाए रखने में असफलता

निन्टी, एक एआई-आधारित डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म था, जो व्यक्तिगत विकास के लिए टूल्स प्रदान करता था। हालांकि, यह अपने उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने और अपनी सेवा का पैमाना बढ़ाने में असफल रहा।

Stoa: ऑफलाइन विस्तार में विफलता

स्टोआ, एक और एडटेक स्टार्टअप था, जिसने चार वर्षों तक अपने व्यवसाय को चलाने के बाद नवंबर 2024 में इसे बंद कर दिया। यह स्टार्टअप कार्यरत पेशेवरों के लिए वैकल्पिक एमबीए कार्यक्रम प्रदान करता था, लेकिन इसका ऑफलाइन विस्तार और प्रतियोगिता से निपटने में असफलता ने इसे बंद करने पर मजबूर कर दिया।

Toplyne: उत्पाद-मार्केट फिट की कमी

टॉपलाइन, एक SaaS स्टार्टअप था जो डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर कंपनियों को ग्राहकों को भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं में बदलने में मदद करता था। हालांकि, यह भी अपने उत्पाद और बाजार के बीच सही तालमेल बनाने में विफल रहा और अक्टूबर 2024 में इसे बंद कर दिया गया।

निष्कर्ष

इन सभी स्टार्टअप्स के बंद होने के बावजूद, उनके पीछे के कारणों से सीखने का अवसर मिलता है। किसी भी स्टार्टअप को दीर्घकालिक सफलता के लिए एक मजबूत व्यापार मॉडल, सही उत्पाद-मार्केट फिट, और पूंजी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार, भारतीय स्टार्टअप्स को इन असफलताओं से कई महत्वपूर्ण पाठ मिलते हैं, जो उन्हें भविष्य में अपनी रणनीतियों को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।

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