अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वॉर ने वैश्विक शेयर बाजारों में भारी उथल-पुथल मचा दी है। अमेरिका द्वारा चीन पर 104% तक अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले से निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा है। दुनिया भर के बाजारों में गिरावट दर्ज की जा रही है और भारत भी इस असर से अछूता नहीं रहा।
जोधपुर की निवेशक लुभानी माहेश्वरी ने बताया कि ट्रंप के फैसलों ने उन्हें डरा दिया है। पहले उन्होंने 10 लाख रुपये निवेश कर अच्छा लाभ कमाया था, लेकिन अब निवेश की गई पूंजी भी निकल नहीं पा रही। बावजूद इसके, वह भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास रखती हैं और मानती हैं कि लॉन्ग टर्म में शेयर बाजार मुनाफा जरूर देगा।
इसी तरह, जोधपुर के सोना-चांदी व्यापारी नवीन सोनी का भी शेयर बाजार में बड़ा निवेश है। पहले मुनाफा कमाने वाले सोनी अब पूंजी में घाटा झेल रहे हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में निवेशक न तो पैसे निकाल सकते हैं और न ही नया निवेश करने की स्थिति में हैं। लेकिन वह मानते हैं कि भारतीय बाजार भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करेगा।
वहीं, चार्टर्ड अकाउंटेंट नीलम माहेश्वरी का मानना है कि वर्तमान स्थिति डरावनी जरूर है, लेकिन भारत के लिए यह अवसर भी बन सकता है। अमेरिका-चीन तनाव के कारण विदेशी निवेश भारत की ओर मुड़ सकता है। उन्होंने निवेशकों को एग्रीकल्चर, क्रूड और आईटी सेक्टर की ओर रुख करने की सलाह दी है।
इस आर्थिक उथल-पुथल में भारत के निवेशकों के लिए चुनौती भी है और अवसर भी। लॉन्ग टर्म सोच ही इस संकट से उबरने की कुंजी साबित हो सकती है।