Vitamin-D कम होने से पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही फर्टिलिटी प्रभावित (Vitamin-D And Infertility) हो सकती है। ऐसा क्यों होता है और किन तरीकों से इससे बचा जा सकता है।
Vitamin-D और फर्टिलिटी का कनेक्शन
Vitamin-D एक स्टेरॉयड हार्मोन की तरह काम करता है और शरीर में कई हार्मोनल प्रक्रियाओं को रेगुलेट करता है। यह रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स, जैसे- ओवरीज, यूटेरस और टेस्टिस में विटामिन-डी रिसेप्टर्स की मौजूदगी के कारण फर्टिलिटी को सीधे प्रभावित करता है।

महिलाओं में Vitamin-D की कमी के प्रभाव
- अनियमित पीरियड्स और ओवुलेशन में दिक्कत- विटामिन-डी की कमी से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं और ओवुलेशन प्रभावित होता है।
- पीसीओएस (PCOS) का खतरा- PCOS से पीड़ित महिलाओं में विटामिन-डी का लेवल कम होता है। यह स्थिति इनफर्टिलिटी का एक अहम कारण है।
- एंडोमेट्रियम पर असर- विटामिन-डी की कमी से यूटेरस की अंदरूनी परत कमजोर हो सकती है, जिससे एंब्रयो का इम्प्लांटेशन मुश्किल हो जाता है।
पुरुषों में Vitamin-D की कमी के प्रभाव
- स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी में कमी- Vitamin-D टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के सीक्रेशन में मदद करता है। इसकी कमी से स्पर्म काउंट कम हो सकता है और स्पर्म की मोटिलिटी प्रभावित होती है।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन का खतरा- Vitamin-D की कमी से पुरुषों में सेक्शुअल एबिलिटी कमजोर हो सकती है।
Vitamin-D की कमी को कैसे दूर करें?
- धूप लेना- विटामिन-डी का सबसे अच्छा सोर्स सूरज की रोशनी है। रोजाना 15-20 मिनट धूप में बैठने से शरीर में विटामिन-डी का स्तर बढ़ता है।
- डाइट में शामिल करें- फैटी फिश (सालमन, मैकेरल), अंडे की जर्दी, दूध, दही, मशरूम और फोर्टिफाइड फूड्स विटामिन-डी के अच्छे सोर्स हैं।
- सप्लीमेंट्स- अगर शरीर में विटामिन-डी की कमी ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं।