30.1 C
Delhi
Friday, August 1, 2025

तुलसी के पत्ते चबाने से क्यों किया जाता है मना? धार्मिक नहीं, आज साइंस के नजरिए से समझें इसकी वजह

हिंदू धर्म में तुलसी का विशेष महत्व है और इसका इस्तेमाल सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर तुलसी के पत्ते चबाकर खाने की मनाही क्यों है (Why Not Chew Tulsi Leaves)? क्या ऐसा सिर्फ धार्मिक कारणों से है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक वजह भी छिपी है? आइए विस्तार से इस बारे में जानते हैं।

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो सोचते हैं कि “पत्ते ही तो हैं, चबा भी सकते हैं!”, तो आपको साइंस का यह लॉजिक जरूर जानना चाहिए। आज हम आपको धार्मिक मान्यताओं से हटकर, पूरी तरह वैज्ञानिक नजरिए से समझाएंगे कि आखिर तुलसी के पत्ते चबाना क्यों मना किया जाता है?

 

तुलसी में मौजूद होता है ‘मर्क्यूरिक एसिड’ 

तुलसी एक औषधीय पौधा है, जिसमें कई तरह के एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। लेकिन इसके पत्तों में मर्क्यूरिक एसिड (Mercuric Acid) भी पाया जाता है।

  • मर्क्यूरिक एसिड एक प्रकार का प्राकृतिक तत्व है, जो दांतों के एनामेल (Enamel) को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप रोजाना तुलसी के पत्ते चबाते हैं, तो धीरे-धीरे आपके दांत कमजोर और संवेदनशील (Sensitive) हो सकते हैं।
  • यही कारण है कि आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को निगलने की सलाह दी जाती है, लेकिन चबाने से मना किया जाता है।

 

तुलसी के पत्तों में होते हैं एसिडिक तत्व

तुलसी की तासीर गरम और हल्की एसिडिक होती है। अगर इसे बार-बार चबाया जाए, तो यह मुँह और पेट में एसिडिटी बढ़ा सकता है।

  • एसिडिटी की समस्या वाले लोगों के लिए तुलसी के पत्ते सीधे चबाना नुकसानदायक हो सकता है, क्योंकि यह पेट में एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है।
  • साइंटिफिक सलाह: तुलसी के पत्तों को गुनगुने पानी के साथ निगलें या फिर चाय में डालकर पिएं, ताकि इसका फायदा मिले लेकिन एसिडिटी की समस्या न हो।

तुलसी के पत्तों में ‘आर्सेनिक’ भी हो सकता है

क्या आप जानते हैं कि तुलसी के पत्तों में आर्सेनिक (Arsenic) नामक तत्व भी पाया जाता है। हालांकि इसकी मात्रा बहुत कम होती है, लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में चबाया जाए, तो यह शरीर में धीरे-धीरे टॉक्सिन (Toxin) जमा कर सकता है।

  • आर्सेनिक ज्यादा मात्रा में शरीर में जाने से पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। यह लिवर और किडनी पर भी असर डाल सकता है।
  • बेस्ट तरीका: तुलसी को काढ़े, चाय या गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं, ताकि इसके पोषक तत्व बिना किसी नुकसान के शरीर को मिल सकें।

इन्फेक्शन का रहता है डर

तुलसी का पौधा अक्सर खुले वातावरण में बढ़ता है, और इसकी पत्तियों पर कई तरह के बैक्टीरिया और धूल के कण जमा हो सकते हैं। अगर आप इसे बिना धोए चबाते हैं, तो आप बैक्टीरिया सीधे अपने मुँह में ले रहे हैं, जो इन्फेक्शन फैला सकता है।

  • साइंटिफिक सलाह: अगर तुलसी के पत्ते खाने हैं, तो इन्हें पहले अच्छी तरह धो लें और फिर पानी के साथ निगलें या काढ़े में इस्तेमाल करें।

तुलसी के पत्तों का ‘पीएच लेवल’

हमारे मुंह का पीएच लेवल 5.6 से 7.9 के बीच होता है, जो सामान्य रूप से बैलेंस रहता है, लेकिन तुलसी के पत्तों का पीएच लेवल थोड़ा एसिडिक होता है। ऐसे में, जब हम तुलसी के पत्ते चबाते हैं, तो इसका एसिड मुँह में बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ-साथ लार (Saliva) के नेचुरल पीएच को भी प्रभावित कर सकता है।

  • इससे मुंह में छाले, दांतों की सेंसिटिविटी और मसूड़ों में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • बेस्ट तरीका: तुलसी को मुंह में चबाने के बजाय इसे सीधे पानी के साथ निगलें या चाय-काढ़े में मिलाकर पिएं।

 

कैसे करें तुलसी का सही इस्तेमाल?

  • तुलसी के पत्तों को पानी से अच्छी तरह धो लें।
  • इन्हें सीधे चबाने के बजाय, गुनगुने पानी के साथ निगलें।
  • तुलसी का काढ़ा या चाय बनाकर पिएं, जिससे इसके औषधीय गुण भी मिलें और कोई नुकसान भी न हो।
  • तुलसी के पत्तों को शहद या अदरक के साथ मिलाकर लें, इससे इम्युनिटी मजबूत होती है।

तुलसी को चबाने की मनाही का कारण सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि पूरी तरह से वैज्ञानिक भी है। इसके पत्तों में मर्क्यूरिक एसिड, आर्सेनिक और एसिडिक तत्व होते हैं, जो दांतों और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए आयुर्वेद भी तुलसी को चबाने के बजाय पानी के साथ निगलने या चाय में मिलाकर पीने की सलाह देता है।

- Advertisement -
Shreya Bhushan
Shreya Bhushan
श्रेया भूषण एक भारतीय पत्रकार हैं जिन्होंने इंडिया टुडे ग्रुप के बिहार तक और क्राइम तक जैसे चैनल के माध्यम से पत्रकारिता में कदम रखा. श्रेया भूषण बिहार से आती हैं और इन्हे क्राइम से संबंधित खबरें कवर करना पसंद है
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!