वहीं नरेंद्र मोदी ने 52 वर्ष की उम्र में पहली बार चुनाव जीता था। लेकिन मोदी के मुख्यमंत्री बनने और योगी के लोकसभा सांसद बनने से उनकी चुनावी राजनीति की शुरुआत हुई।योगी के समर्थक मोदी के बाद प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं, लेकिन मोदी और अमित शाह को योगी पंसद नहीं करते हैं।विपक्षी पार्टियों के नेता ऐसा कहते हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषणों में भी यह चर्चा होती रहती है।
जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “बीजेपी अगर फिर से सत्ता में आती है तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किनारे कर दिया जाएगा और अमित शाह प्रधानमंत्री बनेंगे।” PM मोदी रिटायर हो जाएंगे क्योंकि उनकी उम्र 75 वर्ष हो गई है।”
इसके बावजूद, मोदी ने अपनी तीसरी प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी ऐसी बातें करते रहते हैं। मीडिया की नजर उन भावनाओं पर है, जो योगी आदित्यनाथ को पीएम मोदी और अमित शाह के साथ किसी भी स्थान पर ले जाती हैं, ताकि वे उनके प्रति कितनी गर्मजोशी या उपेक्षा व्यक्त कर सकें।मोदी-योगी की बहस को हवा देने के लिए कई बार डॉक्टर्ड वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जाते हैं। पिछले साल जुलाई में ऐसा ही एक वीडियो वायरल किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को अभिवादन नहीं दिया, जबकि ऐसा नहीं था।
4 जुलाई 2024 को बीजेपी की बैठक लखनऊ में हुई। यूपी सरकार के दो वरिष्ठ नेताओं ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में राज्य में बीजेपी की खराब प्रदर्शन की कई वजहें बताईं।
योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में खराब प्रदर्शन को अत्यधिक आत्मविश्वास से समझाया। दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन को सरकार से अधिक महत्व देने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री दोनों ने यूपी में खराब प्रदर्शन के लिए अलग-अलग कारणों का उल्लेख किया। लेकिन केशव प्रसाद मौर्य का बयान योगी सरकार के खिलाफ था।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पार्टी से बड़ी हो गई है। योगी ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व बहुत आत्मविश्वास में था।