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Tuesday, June 17, 2025

2002 के गोधरा कांड के दोषी सलीम ज़र्दा और उसकी गैंग को पुणे ग्रामीण पुलिस ने नासिक से किया गिरफ्तार

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महाराष्ट्र के पुणे जिले की ग्रामीण पुलिस ने 2002 के गोधरा ट्रेन कांड में दोषी ठहराए गए सलीम ज़र्दा और उसके गैंग के पांच अन्य सदस्य को नासिक से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी चोरियों के आरोप में की गई है, जिसमें सलीम ज़र्दा पर महाराष्ट्र के जुन्नार इलाके में 2.49 लाख रुपये के टायर और ट्यूब की चोरी का आरोप है। ज़र्दा हाल ही में परोल पर बाहर आया था, लेकिन जेल जाने के बजाय वह फरार हो गया और चोरियों में शामिल हो गया।

सलीम ज़र्दा और उसकी गैंग का अपराध इतिहास

सलीम ज़र्दा (55) को 2002 के गोधरा कांड में दोषी ठहराया गया था। उस समय, ज़र्दा समेत 11 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में गुजरात हाईकोर्ट ने उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। ज़र्दा पर पहले भी कई बार परोल से फरार होने का आरोप था। उसने 8 बार परोल से भागकर अपराध की दुनिया में कदम रखा है, और हर बार अपने आप को कानून के हाथों से बचाने में कामयाब रहा है।

चोरी की घटनाओं का हुआ खुलासा

पुलिस ने बताया कि 7 जनवरी 2024 को सलीम ज़र्दा ने जुन्नार में एक ट्रक से 2.49 लाख रुपये के टायर और ट्यूब चुराए थे। ट्रक ड्राइवर सोमनाथ गायकवाड ने पुणे ग्रामीण के अलेफाटा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि यह चोरी अकेली घटना नहीं थी। इससे पहले, पुणे के मंचर पुलिस स्टेशन और नासिक के सिन्नर पुलिस स्टेशन में भी ट्रकों से सामान चोरी करने के मामले दर्ज किए गए थे।

जांच के दौरान पुलिस ने यह पाया कि यह सभी चोरियां एक ही इंटर-स्टेट गैंग द्वारा की गई थीं, जिसमें सलीम ज़र्दा और उसके साथी शामिल थे। गैंग के अन्य सदस्य थे: साहिल पठान (21), सुफियान चानकी (23), अयूब सुंथिया (29) और इरफान दुर्वेश (41), जो सभी गोधरा, गुजरात के निवासी हैं। इन आरोपियों को 22 जनवरी 2025 को नासिक से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने आरोपियों से एक ट्रक और चोरी की गई वस्तुएं बरामद की हैं, जिनकी कुल कीमत 14.4 लाख रुपये है।

पुलिस कर रही कार्यवाही

पुणे ग्रामीण पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर सिन्नर पुलिस को सौंप दिया है, जहां आगे की जांच की जा रही है। एलेफटा पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर दिनेश तायडे ने बताया कि सलीम ज़र्दा 2002 के गोधरा ट्रेन कांड के 31 दोषियों में से एक था, जिसमें से उसे और 10 अन्य को मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में गुजरात हाईकोर्ट ने ज़र्दा की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

ज़र्दा का अपराधी इतिहास

सलीम ज़र्दा का आपराधिक इतिहास लंबा और जटिल रहा है। वह पहले भी कई बार परोल से फरार हो चुका था। अक्टूबर 2022 में भी वह परोल से भाग गया था, लेकिन जनवरी 2023 में गुजरात पुलिस ने उसे नर्मदा जिले में एक गोदाम से चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसने महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में कुल 16 अपराधों को अंजाम दिया था।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ज़र्दा ने चोरी करने के लिए एक गैंग बनाया था, जिसमें उसके साथियों ने विभिन्न राज्यों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया। अब उसे गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसकी गैंग के अन्य सदस्यों को भी पकड़ लिया है, और उन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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