अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ‘मुक्ति दिवस’ की घोषणा करते हुए भारत और अन्य देशों पर उच्च शुल्क लगाने की नई नीति की घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि यह दिन अमेरिकी उद्योग के पुनर्जन्म का प्रतीक होगा और 2 अप्रैल 2025 को हमेशा याद किया जाएगा, जब अमेरिका की किस्मत फिर से बदली और देश ने समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाया।
ट्रंप ने अपने भाषण में भारत पर विशेष ध्यान दिया और बताया कि अमेरिका अन्य देशों के मुकाबले कम शुल्क लेता है, जबकि भारत अमेरिकी उत्पादों पर बहुत उच्च शुल्क लगाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका मोटरसाइकिलों पर केवल 2.4% शुल्क लेता है, जबकि थाईलैंड और अन्य देशों में यह शुल्क 60% है, और भारत में यह 70% तक पहुँच जाता है। इसके अलावा, ट्रंप ने यूरोपीय संघ द्वारा 10% से ज्यादा शुल्क और 20% वैट की आलोचना की।
ट्रंप ने आगे कहा, “भारत हमसे 52% शुल्क लेता है और यह बहुत कठिन है। प्रधानमंत्री मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा, ‘आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। हम आपको सालों तक लगभग कुछ भी शुल्क नहीं देते, लेकिन यह स्थिति बदलनी चाहिए।'”
इसके साथ ही, ट्रंप ने ‘पारस्परिक शुल्क’ (Reciprocal Tariffs) नीति की घोषणा की, जिसके तहत भारत समेत अन्य देशों को अब अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क के बराबर शुल्क चुकाना होगा। भारत पर 52% शुल्क और “मुद्रा संबंधी धोखाधड़ी और व्यापारिक अवरोध” के आधार पर 26% “रियायती शुल्क” लागू किया जाएगा।
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिकी उत्पादों पर उच्च शुल्क लगाने से अमेरिका के उद्योग को फायदा होगा और व्यापारिक असंतुलन को सुधारा जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कदम अमेरिकी व्यापार को पुनर्जीवित करने और वैश्विक व्यापारिक रिश्तों को फिर से मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
भारत और अन्य देशों से व्यापारिक असंतुलन को समाप्त करने की इस नीति के साथ ट्रंप ने वैश्विक व्यापार युद्ध की संभावना भी जताई, जिससे विभिन्न देशों द्वारा जवाबी कदम उठाए जा सकते हैं।