Delhi के एक क्रिएटिव हेड ने जब Blinkit पर डिलीवरी पार्टनर बनकर काम शुरू किया, तो उसे समाज की असली सोच का पता चला। Salman Saleem नाम के इस शख्स ने एक दिन के लिए खुद डिलीवरी बॉय बनकर वो दर्द महसूस किया, जिसे हजारों डिलीवरी कर्मचारी रोज सहते हैं।
Salman ने LinkedIn पर अपनी कहानी शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने ऐप पर साइन अप किया, पास के स्टोर से ऑर्डर उठाया और तेज़ धूप, धूल और ट्रैफिक से जूझते हुए डिलीवरी देने निकले। लेकिन जो सबसे ज्यादा चुभा, वो था लोगों का व्यवहार। कई जगहों पर उन्हें मुख्य लिफ्ट के इस्तेमाल से रोक दिया गया। उन्हें या तो सर्विस लिफ्ट से भेजा गया या फिर सीढ़ियों से, वो भी चौथी मंजिल तक।
उन्होंने लिखा कि समाज में ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर समानता और सम्मान की बातें करते हैं, वही असल जिंदगी में सबसे बड़ा भेदभाव करते हैं। गार्ड्स भी बिना सवाल पूछे उन्हें रोकते रहे। उन्हें ऐसा महसूस कराया गया जैसे वो दूसरे दर्जे के नागरिक हों।
Salman Saleem ने कहा कि यह भेदभाव केवल वर्दी या प्रोफेशन को देखकर किया जाता है, और ये सोच बदलनी चाहिए। उन्होंने कंपनियों जैसे Blinkit और Zepto से अपील की कि वे जागरूकता अभियान चलाएं ताकि डिलीवरी कर्मचारियों को भी समाज में सम्मान मिल सके।
उनकी इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर हज़ारों लोगों ने समर्थन दिया और अपनी-अपनी कहानियां भी शेयर कीं। एक यूज़र ने लिखा, “मेरे सामने एक महिला ने डिलीवरी वाले को लिफ्ट से उतरने को कहा। उसका व्यवहार देखकर शर्म आ गई।”
Salman की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है और लोगों को सोचने पर मजबूर कर रही है कि क्या सच में हम एक संवेदनशील समाज हैं या बस दिखावा करते हैं?