कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए ‘ओला’, ‘उबर’ और ‘रैपिडो’ को 15 जून तक अपनी बाइक टैक्सी सेवाएं जारी रखने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने इन कंपनियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए, बाइक टैक्सी सेवाओं के संचालन को रोकने के आदेश में बदलाव किया। जस्टिस बी.एम. श्यामाप्रसाद की एकल पीठ ने ‘उबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’, ‘रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ की अंतरिम याचिका पर यह निर्णय लिया।
पहले का आदेश और राज्य सरकार की जिम्मेदारी
इससे पहले, कर्नाटक हाई कोर्ट ने इन कंपनियों को बाइक टैक्सी सेवाओं का संचालन बंद करने के लिए छह हफ्ते की समयसीमा दी थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह छह हफ्ते के भीतर बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए उपयुक्त विनियमन सुनिश्चित करे। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा था कि राज्य सरकार को मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा तीन के तहत बाइक टैक्सी संचालन के लिए दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।
हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि जब तक राज्य सरकार मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत स्पष्ट दिशा-निर्देश और नियम लागू नहीं करती, तब तक इन सेवाओं को निलंबित रखा जाएगा।
‘रैपिडो’ ने शुरू की नई योजना
कोर्ट के आदेश के बाद, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विभाग को निर्देश दिया था कि वह अदालत के आदेश का पालन करें। वहीं, ‘रैपिडो’ ने अपनी सेवाओं को चालू रखने के लिए एक नई योजना तैयार की है। यह योजना भोजन या अन्य सामग्री के घर/कार्यस्थल तक पहुंचाने के लिए एक प्रायोगिक परियोजना के रूप में शुरू की जाएगी, और इसके अगले हफ्ते शुरू होने की संभावना है।
कर्नाटक हाई कोर्ट का यह फैसला इन कंपनियों के लिए राहत का संकेत है, लेकिन राज्य सरकार को अब भी बाइक टैक्सी सेवाओं के संचालन के लिए नियम और विनियमन तय करना बाकी है।