Noida sector-53 के सेंट्रल पार्क में एक मासूम बच्ची के साथ ऐसा हादसा हुआ जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। 8 साल की अंशिका खेलते-खेलते पार्क की स्टील बेंच पर बैठी और खेल-खेल में अपनी उंगलियां बेंच के छेदों में डाल दीं। लेकिन थोड़ी देर में उसकी दोनों उंगलियां छेद में बुरी तरह फंस गईं और फिर जो हुआ, वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था!
बच्ची ने जब उंगलियां निकालने की कोशिश की, तो दर्द से चीख पड़ी। आसपास मौजूद लोग दौड़े चले आए। सबने मिलकर कोशिश की, लेकिन उंगलियां नहीं निकलीं। बच्ची का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। कुछ ही देर में पुलिस और फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई।
पांच घंटे तक चली इस रेस्क्यू ऑपरेशन में बेंच को काटना पड़ा! जी हां, स्टील कटर लाकर उस बेंच का हिस्सा काटा गया, जिसमें बच्ची की उंगलियां फंसी थीं। फिर उसी टुकड़े को लेकर बच्ची को अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों ने करीब रात 11 बजे बड़ी सावधानी से बच्ची की उंगलियां बाहर निकालीं। गनीमत रही कि वक्त रहते इलाज मिल गया और कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई।
Police Station Gijhor के Incharge Jagmohan Singh ने बताया कि बच्ची के माता-पिता नौकरी पर थे और वो अकेली पार्क में खेलने आई थी। RWA Virendra Negi, General Secretary और कॉलोनी के लोगों ने फुर्ती दिखाकर बच्ची की मदद की।
Noida प्राधिकरण के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बताया कि बेंच में बने छोटे छेद बारिश का पानी निकालने के लिए होते हैं। लेकिन अब सवाल उठता है – क्या ये डिजाइन बच्चों के लिए सुरक्षित है?
इस घटना ने Noida sector-53 को हिला कर रख दिया। अब हर पार्क में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।