बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (INDIA) में लंबे समय से चला आ रहा असमंजस आखिरकार खत्म हो गया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने गठबंधन की ओर से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही महागठबंधन ने एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की है।
गुरुवार को पटना में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अशोक गहलोत ने बताया कि यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की सहमति के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सभी सहयोगी दलों के नेता इस निर्णय पर एकमत हैं। गहलोत ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर ‘इंडिया’ गठबंधन बिहार में सरकार बनाता है, तो विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
गहलोत ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हमारा गठबंधन एकजुट होकर बिहार की जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा। कुछ सीटों पर मतभेद होना गठबंधन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन हम सबका लक्ष्य बिहार में एक मजबूत और संवेदनशील सरकार बनाना है।”
गहलोत-लालू मुलाकात से टूटा गतिरोध
इस ऐलान से पहले बिहार में सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर विवाद चल रहा था। बुधवार (22 अक्टूबर) को अशोक गहलोत और कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने राबड़ी देवी आवास पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से लंबी बैठक की थी। इस दौरान उम्मीदवारों की सूची, साझा रणनीति और चुनावी एजेंडे पर चर्चा हुई। बैठक के बाद सभी दलों ने सहमति जताई कि एक चेहरा तय कर मतदाताओं के सामने स्पष्ट नेतृत्व प्रस्तुत किया जाएगा।
फ्रेंडली फाइट बनी थी परेशानी का कारण
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन के घटक दलों ने अब तक 256 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। राजद ने 143 सीटों पर, कांग्रेस ने 61 और वीआईपी ने 15 उम्मीदवार घोषित किए हैं। वहीं, वाम दलों ने भी कुछ क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जिससे कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई थी। इससे कार्यकर्ता और मतदाता भ्रमित थे, लेकिन अब तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से गठबंधन को एक दिशा मिल गई है।
महागठबंधन का लक्ष्य: भाजपा को कड़ी टक्कर
गठबंधन नेताओं का दावा है कि जनता इस बार बदलाव चाहती है और महागठबंधन के साझा एजेंडे में रोजगार, शिक्षा, महंगाई और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे। तेजस्वी यादव ने अपने संदेश में कहा, “हम बिहार को नए अवसरों का प्रदेश बनाएंगे। यह चुनाव भविष्य की दिशा तय करेगा।”
अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में सुलझे इस विवाद के बाद अब महागठबंधन एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
