दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों प्रदूषण और कड़ाके की ठंड दोनों का कहर जारी है। गुरुवार की सुबह, ठंडी हवाओं और घने कोहरे ने लोगों की दिन की शुरुआत मुश्किल बना दी। कोहरे के कारण विजिबिलिटी घट गई है, और वाहन चालकों को सड़कों पर चलने में परेशानी हो रही है। दिल्ली के प्रमुख इलाकों में प्रदूषण का स्तर भी बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, जिससे एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 450 के पार दर्ज किया गया है।
प्रदूषण का संकट और बढ़ती ठंड
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक हो चुका है कि सोमवार शाम को ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत ग्रेप 3 लागू किया गया था, और अब स्थिति को देखते हुए ग्रेप 4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। ग्रेप 4 के तहत, दिल्ली में खुला कचरा जलाने पर पाबंदी, बीएस 6 डीजल, इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसों को छोड़कर अन्य डीजल बसों के प्रवेश पर रोक, और निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध जैसी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही, हल्के डीजल वाहन और बीएस-4 मानकों से नीचे के वाहनों को भी दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।
दिल्ली में प्रदूषण का असर
गुरुवार को दिल्ली के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई का स्तर चिंताजनक रहा। आनंद विहार में 403, भलस्वा में 600, द्वारका में 572, गाजीपुर में 409, जंगपुरा में 601, और नरेला में 609 एक्यूआई दर्ज किया गया। यह स्तर बेहद खतरनाक है, और यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है।
अन्य राज्यों में मौसम की स्थिति
दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में भी मौसम की स्थिति बिगड़ी हुई है। उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों में शीतलहर के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है और घना कोहरा भी देखने को मिल रहा है। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी ठंड और कोहरे का सितम जारी है। राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में भी शीतलहर का असर है। जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा, हालांकि 21 और 22 दिसंबर की मध्यरात्रि को ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई गई है।
सर्दी और प्रदूषण का दोहरा संकट
इस समय दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सर्दी और प्रदूषण दोनों का असर एक साथ देखा जा रहा है। लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं, और बाहर निकलते वक्त गर्म कपड़े पहनने के साथ-साथ मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। प्रदूषण और ठंड का यह सितम अब तकरीबन पूरे उत्तर भारत में महसूस किया जा रहा है, और आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।