21.1 C
Delhi
Monday, October 27, 2025

Delhi Excise Policy Case: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर केस चलाने की मंजूरी दी – सूत्र

- Advertisement -spot_img
- Advertisement -

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ अभियोजन चलाने की मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दोनों नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान की है। यह कदम उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पब्लिक सर्वेंट के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए संबंधित अथॉरिटी से पूर्व अनुमति लेने का निर्देश दिया था।

ईडी का आरोप: केजरीवाल और सिसोदिया थे मास्टरमाइंड

ईडी ने शराब घोटाले की जांच के दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को इस घोटाले का मुख्य आरोपी और मास्टरमाइंड बताया है। एजेंसी के अनुसार, दोनों नेताओं ने दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए थे, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की वसूली करना था। ईडी ने इस मामले में चार्जशीट भी दायर की है, जिसमें दोनों नेताओं का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।

ईडी के चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अरविंद केजरीवाल ने इस योजना का मास्टरमाइंड होने के नाते घोटाले में शामिल अन्य लोगों को मार्गदर्शन किया था। मनीष सिसोदिया को भी साजिशकर्ता और घोटाले के मुख्य तत्व के रूप में नामित किया गया है। ईडी ने इस मामले में दोनों नेताओं को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के दो मुचलकों पर बेल दे दी थी, हालांकि कोर्ट ने उन पर कई पाबंदियां भी लगाई थीं।

चुनावी साल में केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं, और इस समय में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह मामला एक बड़ी चुनौती बन सकता है। बीजेपी और कांग्रेस लगातार इस मामले को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमला कर रही हैं, और अब इस पर कोर्ट के आदेश के बाद से आप और केजरीवाल दोनों की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं।

शराब नीति का विवाद और सीबीआई जांच

दिल्ली सरकार द्वारा लागू की गई नई आबकारी नीति 2021-22 को लेकर 2022 में बड़ा विवाद उत्पन्न हुआ था। इस नीति के तहत दिल्ली में शराब के ठेके निजी कंपनियों को देने की योजना थी। इसके खिलाफ जुलाई 2022 में जब विरोध हुआ, तो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई को मामले की जांच सौंप दी थी। इसके बाद यह घोटाला सामने आया, जिसमें आरोप लगाया गया कि इस नीति में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।

आरोपों के मुताबिक, नीति में बदलाव और ठेके देने में गड़बड़ी की गई, जिससे निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया और कथित रूप से अधिकारियों ने इसके बदले रिश्वत ली। इस घोटाले की जांच के दौरान कई अधिकारियों और नेताओं का नाम सामने आया, जिसमें अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया का नाम भी प्रमुख रूप से लिया गया है।

क्या होगा अगला कदम?

अब जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में ईडी को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है, तो यह मामला आगामी दिनों में और अधिक गंभीर हो सकता है। यदि कोर्ट में आरोप साबित होते हैं, तो केजरीवाल और सिसोदिया को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, आम आदमी पार्टी के लिए यह मामला चुनावी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि विपक्ष इसका उपयोग दिल्ली चुनाव में केजरीवाल के खिलाफ कर सकता है।

कुल मिलाकर, दिल्ली शराब घोटाले की जांच अब एक निर्णायक मोड़ पर है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या मोड़ आता है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

error: Content is protected !!