ब्रिटिश-भारतीय गायिका अनुष्का शंकर हाल ही में भारत आईं, जहां उन्होंने अपनी नई EP ‘Chapter 3’ का पहला सिंगल लॉन्च किया। इस मौके पर अनुष्का ने इसे अपनी यात्रा का महत्वपूर्ण क्षण बताया और कहा, “यह हमेशा घर वापसी जैसा लगता है जब भी मैं भारत आती हूं। मैं जो यात्रा कर रही हूं, इन तीन अध्यायों के साथ, इसकी शुरुआत यहाँ भारत में ही हुई थी। इसलिए यह सब बहुत जुड़ा हुआ और बहुत अर्थपूर्ण महसूस होता है।”
भारत के प्रति गहरी कनेक्शन की भावना
हालांकि अनुष्का ने अपना अधिकांश जीवन भारत से बाहर बिताया है, लेकिन वह मानती हैं कि अपनी कला के माध्यम से वह भारत को दुनिया भर में प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा, “यह एक तरह से विडंबना है क्योंकि मुझे यह परंपरा मेरे पिता से मिली, हालांकि मैं अधिकांश समय विदेश में रही हूं। लेकिन मैं भारत का प्रतिनिधित्व करती हूं, और यह एक खूबसूरत जिम्मेदारी है। मेरा संगीत मुझे अपनी जड़ों से जुड़ा हुआ महसूस कराता है।”

ग्रैमी नामांकनों के बारे में अनुष्का का बयान
इस साल अनुष्का शंकर को 11वीं ग्रैमी नामांकन मिला, हालांकि वह पुरस्कार नहीं जीत सकीं। उन्होंने कहा, “पहले मैंने सोचा था कि इस बार मेरे पक्ष में शर्तें होंगी, लेकिन जब नहीं जीती, तो मैंने महसूस किया कि हर बार उम्मीद केवल 20% ही होती है। मैं इसे परिप्रेक्ष्य में रखती हूं कि नामांकनों का मिलना खुद में रोमांचक है, और यह शानदार है।”
भारतीय कलाकारों की बढ़ती वैश्विक पहचान
अनुष्का शंकर ने भारतीय संगीतकारों की वैश्विक पहचान में बढ़ोतरी पर भी अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा, “पहले हम ऐसा महसूस करते थे कि हम अकेले थे। हमें और कोई भारतीय कलाकार दिखाई नहीं देता था और यह थोड़ा अकेला सा लगता था। लेकिन अब यह बदलाव आ चुका है और अब दक्षिण एशियाई कलाकारों की अधिक दृश्यता है।”
अनुष्का शंकर ने कोल्डप्ले, एड शीरन और डुआ लीपा जैसे अंतरराष्ट्रीय कलाकारों के भारत आने को सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा। उन्होंने कहा, “अब भारत एक बहुत अच्छा बाजार बन चुका है कलाकारों के लिए, और यही कारण है कि वे यहाँ आते हैं। अब हमारे पास वह ढांचा है जो इसे संभव बनाता है। यह सालों की मेहनत का परिणाम है, अब अंतरराष्ट्रीय कलाकार भी यहां आकर विश्वास के साथ शो कर सकते हैं।”
अनुष्का ने भविष्य के बारे में भी अपनी उम्मीदें जताईं। उन्होंने कहा, “अब वह समय है जब भारतीय संगीत और संस्कृति आने वाली पीढ़ियों को प्रभावित करेगा। मुझे लगता है कि आने वाली पीढ़ियों पर इसका बहुत प्रभाव पड़ेगा।”
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