दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और पुरुषों से आगे निकल गईं। इस बार कई विधानसभा क्षेत्रों में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि अब महिलाएं न केवल चुनाव प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभा रही हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, 70 विधानसभा सीटों पर महिला वोटर्स की संख्या 72,36,560 थी, जिसमें से 60.92 प्रतिशत (44,08,629) महिलाओं ने मतदान किया, जबकि 83,76,173 पुरुष वोटर्स में से 60.20 प्रतिशत (50,42,966) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 1,56,14,000 मतदाताओं में से 94,51,997 लोगों ने मतदान किया।
महिलाओं के बढ़ते मतदान का असर कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा देखने को मिला। साउथ-वेस्ट दिल्ली के मटियाला विधानसभा क्षेत्र में 61.3 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 60.39 प्रतिशत रहा। इसी तरह, नरेला विधानसभा क्षेत्र में 62.1 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया, जबकि 61.6 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाला।
दिल्ली के कई इलाकों में महिलाओं ने मतदान में बढ़त हासिल की। बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में अधिक रहा। वहीँ वजीरपुर क्षेत्र में भी महिलाओं ने हमेशा की तरह पुरुषों से ज्यादा मतदान किया। मटिया महल और चांदनी चौक जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में पुरुषों ने ज्यादा मतदान किया, लेकिन बाकी क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या अधिक रही।
सभी 70 विधानसभाओं को मिलाकर महिलाओं का मतदान पुरुषों की तुलना में 0.72 प्रतिशत अधिक रहा। लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी किसी भी देश के विकास और न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए बेहद आवश्यक है। जब महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान करती हैं, तो वे अपने अधिकारों को लेकर अधिक जागरूक होती हैं और नीतियों व सरकारों पर प्रभाव डाल सकती हैं।
महिलाओं का बढ़ता मतदान यह भी दर्शाता है कि वे अपने और समाज के भविष्य को लेकर अधिक गंभीर हैं। इसका सीधा असर महिलाओं के लिए बनाई जाने वाली नीतियों पर पड़ता है। जब महिलाएं मतदान करती हैं, तो सरकारें महिलाओं से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने के लिए बाध्य होती हैं।
महिला मतदान में बढ़ोतरी के विभिन्न कारण है जिनमे सरकार और चुनाव आयोग का महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करना। शिक्षा और जागरूकता बढ़ने से महिलाओं को अपने अधिकारों का एहसास हुआ है। चुनाव आयोग ने भी महिलाओं के लिए अलग से मतदान केंद्र बनाए, जिससे वे बिना किसी डर के मतदान कर सकीं। महिलाएं अब उन मुद्दों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं, जैसे महिला सुरक्षा, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं।
अगर यह रुझान जारी रहता है, तो यह भारतीय राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को और मजबूत करेगा। जब महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान करती हैं, तो वे निर्णय लेने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा बन जाती हैं और देश की नीति-निर्माण में उनकी आवाज और प्रभाव बढ़ता है।
दिल्ली चुनाव 2025 में महिलाओं का मतदान पुरुषों से अधिक होना भारतीय लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दिखाता है कि महिलाएं अब राजनीति और शासन में अपनी भूमिका को गंभीरता से ले रही हैं। जब महिलाएं ज्यादा संख्या में वोट डालती हैं, तो यह न केवल उन्हें सशक्त बनाता है, बल्कि एक न्यायपूर्ण और समानतापूर्ण समाज की दिशा में भी एक बड़ा कदम होता है।