America के President Donald Trump के National Security Adviser ने कथित रूप से एक Journalist को उस Private Text Chat में जोड़ दिया, जिसमें Yaman में हवाई हमलों पर चर्चा हो रही थी। इस घटना ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा में गंभीर चूक को उजागर कर दिया है।
कैसे हुआ यह खुलासा?
सूत्रों के अनुसार, यह घटना तब हुई जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा यमन में किए गए हवाई हमलों पर चर्चा के लिए अधिकारियों के एक ग्रुप को मैसेज भेजा। गलती से, उन्होंने एक अनुभवी पत्रकार का नंबर भी इस चैट में जोड़ दिया।
Journalist को यह महसूस होने में देर नहीं लगी कि वह एक अत्यंत संवेदनशील वार्तालाप का गवाह बन गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने इस गलती की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी, जिसके बाद उन्हें चैट ग्रुप से हटा दिया गया। हालांकि, तब तक उन्हें कई गोपनीय संदेश मिल चुके थे, जिनमें यमन में लक्ष्य बनाए गए स्थानों और भविष्य की सैन्य रणनीति से जुड़ी जानकारी शामिल थी।
सरकार की प्रतिक्रिया
इस घटना के सामने आने के बाद White House और Pentagon में हड़कंप मच गया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने माना कि यह एक गंभीर सुरक्षा चूक थी, लेकिन साथ ही दावा किया कि इससे अमेरिका की सैन्य रणनीति पर कोई महत्वपूर्ण असर नहीं पड़ेगा।
विशेषज्ञों की राय
राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना न केवल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि डिजिटल संचार के गलत उपयोग से कितनी बड़ी चूक हो सकती है। एक पूर्व खुफिया अधिकारी ने कहा, “ऐसी घटनाएं दुश्मन देशों को संवेदनशील जानकारी लीक होने का अवसर दे सकती हैं।”
यह घटना दर्शाती है कि तकनीकी गलतियों के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाएं गलत हाथों में जा सकती हैं। इससे यह भी सवाल उठता है कि क्या अमेरिका की सुरक्षा प्रणाली इतनी मजबूत है कि वह भविष्य में इस तरह की गलतियों से बच सके?
