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Tuesday, June 17, 2025

किसान आंदोलन और नेतृत्व संकट ने रोकी BJP की सदस्यता रफ्तार

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  1. पंजाब में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मजबूत करने की योजनाओं को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के Membership अभियान का लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो पाया है, जिससे राज्य में organizational चुनाव अन्य राज्यों के साथ नहीं हो पाएंगे।

30 लाख के लक्ष्य से दूर बीजेपी

पार्टी के General Secretary अनिल सरीन ने बताया कि अब तक 8 लाख नए सदस्य बनाए गए हैं, जबकि लक्ष्य 30 लाख का था। सदस्यता अभियान 21 जनवरी तक चलने वाला है, लेकिन मौजूदा रफ्तार को देखते हुए लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।

हर पांच साल बाद होता है सदस्यता अभियान

बीजेपी हर पांच साल बाद सदस्यता अभियान चलाती है। 2 सितंबर 2024 को शुरू हुए इस अभियान से पहले पार्टी के पास पंजाब में 18 लाख सदस्य थे। इस बार सदस्यता अभियान में धीमी प्रगति के लिए कई चुनौतियां जिम्मेदार हैं।

किसान आंदोलन और संगठनात्मक नेतृत्व पर असर

पार्टी को किसान आंदोलन के कारण जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा है। 2020 के आंदोलन के बाद से ही राज्य में बीजेपी की लोकप्रियता प्रभावित हुई है। शंभू और खनौरी सीमाओं पर जारी मौजूदा आंदोलन भी लोगों को पार्टी से जोड़ने में बाधा बना हुआ है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की inactivity भी प्रमुख समस्या है। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए जाखड़ लोकसभा चुनावों के बाद से ही पार्टी गतिविधियों से दूर हैं और पद छोड़ने की इच्छा जता चुके हैं। नए अध्यक्ष का चयन सदस्यता अभियान और निचले स्तर पर संगठनात्मक चुनावों के बाद ही संभव होगा।

चुनाव और डिजिटल प्रक्रिया बनीं बाधा

सरीन के अनुसार, पंचायत, नगर निगम, और विधानसभा उपचुनावों के कारण सदस्यता अभियान प्रभावित हुआ है। इसके अलावा, पिछली बार जहां मिस्ड कॉल के जरिए सदस्यता ली जाती थी, इस बार ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया ने अभियान को धीमा कर दिया है।

ग्रामीण इलाकों में बढ़ाने की कोशिश को झटका

बीजेपी ने अपने पारंपरिक शहरी आधार से बाहर निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में जनाधार बढ़ाने की कोशिश की है। हालांकि, सुस्त सदस्यता अभियान इन प्रयासों के लिए चुनौती बन गया है।

वोट प्रतिशत में वृद्धि से उम्मीदें

2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को राज्य में 18.5 प्रतिशत वोट मिले थे। यह पार्टी के लिए एक सकारात्मक संकेत था कि वह पंजाब में एक बड़ी ताकत बन सकती है। हालांकि, मौजूदा सदस्यता अभियान की स्थिति पार्टी की इन उम्मीदों को कमजोर कर सकती है।

आगे की रणनीति पर नजर

पार्टी के लिए यह आवश्यक है कि वह मौजूदा चुनौतियों को दूर करते हुए सदस्यता अभियान में गति लाए और राज्य में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करे। इससे आगामी चुनावों में पार्टी को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।

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