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Sunday, December 14, 2025

हनुमानगढ़: एथेनॉल फैक्ट्री विवाद भड़का, 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत का ऐलान

राठीखेड़ा एथेनॉल फैक्ट्री विरोध में किसान आंदोलन तेज। 17 दिसंबर कलेक्ट्रेट महापंचायत। 10 दिसंबर वाहन जलाए। प्रशासन सतर्क।

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हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र के राठीखेड़ा गांव में प्रस्तावित एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसान आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है। जिला प्रशासन और किसान नेताओं के बीच हुई वार्ता के बावजूद किसान आंदोलन स्थगित करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन की बातचीत को महज “खानापूर्ति” बताते हुए 17 दिसंबर को जिला कलेक्ट्रेट पर महापंचायत करने का ऐलान कर दिया है। यह विवाद पिछले डेढ़ साल से चल रहा है और हाल की घटनाओं ने इसे और गंभीर बना दिया है।

10 दिसंबर को टिब्बी में आयोजित महापंचायत के बाद किसान फैक्ट्री स्थल की ओर कूच कर गए थे। वहां हालात बेकाबू हो गए और आंदोलनकारियों ने फैक्ट्री परिसर में खड़े एक दर्जन से अधिक वाहनों में आग लगा दी। इस हिंसा में 10 कारें, चार मोटरसाइकिलें, एक जेसीबी मशीन और एक पुलिस जीप पूरी तरह जलकर नष्ट हो गईं। दो जेसीबी सहित कई अन्य वाहन भी क्षतिग्र्रस्त हो गए। इस घटना ने पूरे जिले में तनाव पैदा कर दिया था।

घटना के बाद किसानों ने 17 दिसंबर को कलेक्ट्रेट पर महापंचायत की घोषणा की। शुक्रवार को किसान प्रतिनिधिमंडल की एडीजीपी वीके सिंह, आईजी बीकानेर रेंज हेमंत शर्मा, जिला कलेक्टर खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक हरिशंकर और विधायक गुरवीर बराड़ के साथ वार्ता हुई। प्रशासन ने फैक्ट्री के सभी मानकों की समीक्षा तक निर्माण कार्य रोकने का फैसला लिया। लेकिन किसान नेताओं ने इसे अस्थायी बताते हुए कहा कि जब तक स्थायी रूप से फैक्ट्री रद्द नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।

प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों से सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई है और सरकार संवाद से समाधान निकालने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने विकास कार्यों पर विरोध को स्वाभाविक बताया, लेकिन सवाल उठाया कि कंपनी के साथ एमओयू पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय हुआ था, तब विपक्ष ने विरोध क्यों नहीं किया। मंत्री ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की।

17 दिसंबर की महापंचायत को लेकर माहौल तनावपूर्ण है। किसानों ने गांव-गांव जनसंपर्क तेज कर दिया है और दावा किया कि राकेश टिकैत सहित बड़े किसान नेता तथा विभिन्न संगठन शामिल होंगे। पुलिस और प्रशासन सतर्क मोड में है। 10 दिसंबर की घटना से सबक लेते हुए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। जिला कलेक्ट्रेट के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया जाएगा। किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का भरोसा दिलाया है, लेकिन प्रशासन किसी चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहता।

यह विवाद किसानों की आजीविका और पर्यावरणीय चिंताओं से जुड़ा है। एथेनॉल फैक्ट्री से जल प्रदूषण और खेती पर असर की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि विकास और किसान हित दोनों सुरक्षित रहें। हनुमानगढ़ में किसान आंदोलन ने एक बार फिर राजनीतिक रंग ले लिया है।

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