केरल के तटीय और मध्य भागों में भारी बारिश का सिलसिला जारी है। तिरुवनंतपुरम ज़िले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते जिले के सभी स्कूल और प्रोफेशनल कॉलेज आज (शुक्रवार) बंद रखे गए हैं। ज़िला कलेक्टर ने यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है।
हालांकि, ज़िले में सार्वजनिक परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जाएंगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्कूल-कॉलेज बंद होने के बावजूद परीक्षाओं में कोई परिवर्तन नहीं होगा, ताकि शैक्षणिक गतिविधियों पर अधिक प्रभाव न पड़े।
राज्य भर में भारी वर्षा और चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य में अगले दो दिनों के लिए बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना जताई है। गुरुवार को केरल के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में व्यापक बारिश हुई, जिसमें त्रिशूर जिले के लोअर शोलायार क्षेत्र में सबसे अधिक 80 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
अन्य जिलों में भी अच्छी वर्षा हुई:
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पठानमथिट्टा में 68 मिमी
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अलप्पुझा के करुमाडी में 55 मिमी
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कोल्लम और पठानमथिट्टा के अन्य क्षेत्रों में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई।
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राजधानी तिरुवनंतपुरम में 29 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि कोट्टायम और कोच्चि में भी मध्यम वर्षा हुई।
आठ जिलों में येलो अलर्ट, दो जिलों में ऑरेंज अलर्ट
IMD ने शुक्रवार को 8 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है, जिनमें त्रिशूर से लेकर दक्षिणी तिरुवनंतपुरम तक के जिले शामिल हैं। येलो अलर्ट का मतलब होता है 6 से 10 सेंटीमीटर के बीच भारी वर्षा की संभावना।
इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है:
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तिरुवनंतपुरम
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कोल्लम
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अलप्पुझा
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कोट्टायम
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एर्नाकुलम
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त्रिशूर
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पलक्कड़
वहीं पठानमथिट्टा और इडुक्की जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां 11 से 20 सेंटीमीटर तक “बहुत भारी वर्षा” की आशंका है। मौसम विभाग ने इन इलाकों के लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
चक्रवाती परिसंचरण और बंगाल की खाड़ी में दबाव
बारिश की यह स्थिति बंगाल की खाड़ी और उत्तर ओडिशा के पास बने निम्न दबाव क्षेत्र के कमजोर होने के बावजूद बनी हुई है। मौसम विभाग ने बताया है कि चक्रवाती परिसंचरण अभी भी सक्रिय है, जिसकी वजह से दक्षिण भारत के कई हिस्सों में बारिश का दौर बना हुआ है।
केरल के अलावा, लक्षद्वीप द्वीप समूह में भी अच्छी बारिश देखी गई है।
ओडिशा में हाई अलर्ट, बंगाल की खाड़ी में दबाव गहराया
बारिश केवल केरल तक सीमित नहीं है। ओडिशा सरकार ने भी राज्य के 18 जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र शुक्रवार की शाम तक डिप्रेशन (अवसाद) में बदल सकता है, और यह 27 सितंबर की सुबह दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों को पार कर सकता है।
इस क्षेत्रीय दबाव के चलते ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी भारी वर्षा की आशंका बनी हुई है। इससे बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी आपदाएं हो सकती हैं।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें
राज्य और जिला प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की अपील की है, खासकर उन जिलों में जहां येलो या ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। नदी किनारे रहने वाले, पहाड़ी इलाकों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा गया है और ज़रूरत पड़ने पर राहत-बचाव कार्यों को तुरंत शुरू किया जा सकता है। प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को स्थिति पर निगरानी रखने और समय-समय पर अद्यतन देने के निर्देश दिए हैं।