India की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) ने 307 एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद को मंजूरी दे दी है। करीब 7,000 करोड़ रुपये की इस डील से Indian Army को नई और आधुनिक तोपें मिलेंगी, जो 40 किलोमीटर तक लक्ष्य भेदने में सक्षम होंगी। यह फैसला स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और Indian Army को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
ATAGS पूरी तरह से India में विकसित तोप है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय निजी कंपनियों के सहयोग से तैयार किया गया है। यह 155 mm, 52-कैलिबर की तोप है, जो न केवल ज्यादा दूरी तक हमला कर सकती है, बल्कि स्वचालित प्रणाली से लैस होने के कारण दुश्मन के खिलाफ सेना को एक रणनीतिक बढ़त भी देगी।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत विकसित यह तोप 65% से अधिक स्वदेशी उपकरणों से बनी है। इसके बैरल, ब्रेक, फायरिंग सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण भाग India में ही निर्मित किए गए हैं, जिससे देश की विदेशी रक्षा तकनीक पर निर्भरता कम होगी। इससे स्वदेशी रक्षा उद्योग को मजबूती मिलेगी और भारत की सैन्य ताकत और अधिक बढ़ेगी।
ATAGS तोपों को Indian Army की पुरानी 105 mm और 130 mm तोपों की जगह पर शामिल किया जाएगा। खासकर पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर इसकी तैनाती से भारतीय सेना को बड़ा सामरिक लाभ मिलेगा। यह तोप दुश्मन के ठिकानों को ज्यादा प्रभावी ढंग से निशाना बना सकेगी और युद्ध के मैदान में भारत को एक महत्वपूर्ण बढ़त देगी।
इस स्वदेशी तोप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें विदेशी उपकरणों पर निर्भरता बेहद कम है। इसका नेविगेशन सिस्टम, म्यूज़ल वेलोसिटी रडार और सेंसर India में ही बनाए गए हैं, जिससे यह पूरी तरह आत्मनिर्भर प्रणाली बन गई है। इसके अलावा, इसकी मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता भी आसान होगी, जिससे यह लंबे समय तक भारतीय सेना के लिए उपयोगी बनी रहेगी।
इस परियोजना से देश में करीब 20 लाख मानव-दिनों का रोजगार सृजित होने की संभावना है। साथ ही, भविष्य में ATAGS को अन्य देशों को निर्यात करने की योजना भी बनाई जा रही है, जिससे India का रक्षा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी मजबूत पहचान बना सकेगा। यह डील न केवल भारतीय सेना को नई ताकत देगी, बल्कि भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।