America सरकार के Tariff बढ़ाने के फैसले से वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मची हुई है, और India भी इससे अछूता नहीं है। इस बीच, India और Russia के बीच वार्षिक विदेश विभाग परामर्श बैठक 7 मार्च को होने जा रही है, जिसमें भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री रूस का दौरा करेंगे। इस बैठक में दोनों देशों के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों की समीक्षा की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, विदेश सचिव विक्रम मिस्री रूस के अपने समकक्ष के साथ बातचीत करेंगे और वहां के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करेंगे। इस दौरान India- Russia व्यापार असंतुलन को दूर करने, ऊर्जा आपूर्ति बनाए रखने और निवेश बढ़ाने पर चर्चा होगी। भारत, रूस के साथ व्यापार संतुलन स्थापित करने का प्रयास कर रहा है क्योंकि वर्तमान में यह रूस के पक्ष में झुका हुआ है।
India और Russia के बीच करीब 66 अरब डॉलर का व्यापार होता है, जिसमें भारत मुख्य रूप से कच्चा तेल खरीदता है। भारत चाहता है कि रूस भारतीय उत्पादों के लिए अपने बाजार खोले ताकि व्यापार संतुलन कायम किया जा सके। दोनों देशों ने 2030 तक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
यूरोपीय देशों द्वारा रूस पर लगाए गए नए प्रतिबंधों ने उसकी तेल निर्यात क्षमता को प्रभावित किया है, जिससे भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। ऐसे में इस बैठक के जरिए भारत अपने हितों को सुरक्षित रखने और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा।
इस दौरे के दौरान Russia, India को यूक्रेन संकट और वैश्विक हालात पर अपनी स्थिति से अवगत कराएगा। साथ ही, America की बदलती नीतियों के बीच भारत-रूस के संबंधों को और मजबूती देने की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा। इस बैठक से दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
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