Nagpur में भड़की हिंसा के मामले में अब तक 99 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है और बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल किए गए एडिटेड वीडियो हिंसा भड़काने की बड़ी वजह बने। Nagpur पुलिस कमिश्नर Ravinder Singal ने शुक्रवार को बताया कि हालात अब सामान्य हैं, और पुलिस पूरी सतर्कता बरत रही है।
यह हिंसा 17 मार्च को उस समय भड़की जब औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इसी दौरान अफवाह फैल गई कि एक समुदाय की धार्मिक किताब जला दी गई है, जिससे माहौल बिगड़ गया। देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई और पुलिस को हालात काबू में लाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, अब हालात नियंत्रण में हैं, और कर्फ्यू हटा लिया गया है।
इस हिंसा के पीछे सोशल मीडिया का बड़ा हाथ बताया जा रहा है। महाराष्ट्र पुलिस के साइबर सेल ने जांच में पाया कि आरोपी फहीम खान ने वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर फैलाया, जिससे दंगे भड़के। पुलिस के अनुसार, खान ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन के वीडियो को एडिट कर शेयर किया, बल्कि हिंसा को महिमामंडित करने वाले पोस्ट भी किए। साइबर सेल के DCP लोहित मातानी ने बताया कि इसी कारण हिंसा शहर के कई इलाकों में फैल गई।
पुलिस ने इस मामले में अब तक चार FIR दर्ज की हैं। पहली FIR वीडियो एडिट कर फैलाने और हिंसा को भड़काने से जुड़ी है। दूसरी FIR ऐसे पोस्ट्स से संबंधित है जो दो समुदायों के बीच तनाव बढ़ाने के लिए किए गए। तीसरी FIR उन सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर है जिनमें हिंसा को बढ़ावा दिया गया।
मुख्य आरोपी फहीम खान को 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, और उसे 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। खान माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी का नेता बताया जा रहा है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस हिंसा के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल थे और सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों को फैलाने में किसकी भूमिका रही।