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Thursday, October 30, 2025

‘जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश’ शब्द इस्तेमाल पर आपत्ति और वाकआउट

बजट सत्र का पहला विधेयक शनिवार को अब्दुल्ला की ओर से सुरिंदर कुमार चौधरी ने पेश किया, जो वित्त मंत्रालय की भी देखरेख करते हैं

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बजट सत्र का पहला विधेयक शनिवार को अब्दुल्ला की ओर से सुरिंदर कुमार चौधरी ने पेश किया, जो वित्त मंत्रालय की भी देखरेख करते हैं। चर्चा के दौरान पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सदस्य सज्जाद गनी लोन ने वॉकआउट किया सदस्यों ने ‘जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश’ शब्द के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कहा कि यह सदन द्वारा जम्मू-कश्मीर के दर्जे को मंजूरी देने का संकेत है। उन्होंने बाहर निकलते हुए कहा कि मैं इसमें भागीदार नहीं बनूंगा

वॉकआउट करने की आलोचना

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी सदस्यों द्वारा केंद्र शासित प्रदेश शब्द के इस्तेमाल पर वॉकआउट करने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जब तक संसद इसका राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देती तब तक यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा। अब्दुल्ला ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि हमने यहां केंद्र शासित प्रदेश का जिक्र किया है और कुछ नहीं इससे कुछ नहीं बदलता ,
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा “केंद्र शासित प्रदेश” शब्द के इस्तेमाल पर वॉकआउट करने की आलोचना करते हुए कहा कि जब तक संसद इसका राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देती, तब तक यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने जम्मू-कश्मीर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम, 2017 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक पारित किया, जबकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सदस्य सज्जाद गनी लोन ने वॉकआउट किया, जिन्होंने आरोप लगाया कि विधेयक पारित करना सदन द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे का समर्थन करने के समान है।

वॉकआउट पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा

वॉकआउट पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा, “सिर्फ इसलिए कि हमने यहां ‘केंद्र शासित प्रदेश’ का जिक्र किया है और कुछ नहीं, इससे कुछ नहीं बदलता। दुर्भाग्य से, जब तक भारत की संसद हमारा राज्य का दर्जा बहाल नहीं कर देती, हम केंद्र शासित प्रदेश ही रहेंगे। इसलिए हमें इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वॉकआउट करने से मामले में कोई मदद नहीं मिलती। “हमें वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी पोस्ट पर राजनीति नहीं करनी चाहिए, जो हममें से कुछ लोगों को मिली हैं।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा,
हमें जम्मू-कश्मीर के लोगों को राज्य का दर्जा वापस दिलाना है। इंशाअल्लाह, हम इसे बहाल करेंगे। ‘यूटी’ शब्द को हटाने से हमारी वास्तविकता नहीं बदलेगी। आप चाहें या न चाहें, हम यूटी ही हैं। यह सरकार केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर शासन करती है।”

वाहिद पारा ने भी केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे के समर्थन पर अपनी चिंता जताई

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वाहिद पारा ने भी केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे के समर्थन पर अपनी चिंता जताई। जवाब में सीएम ने कहा, “इस सदन द्वारा अब तक किए गए सभी कार्य केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के नाम पर किए गए हैं। वित्त विधेयक पारित करने के दौरान, मैंने समेकित निधि के संबंध में बार-बार ‘केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर’ का उल्लेख किया। तब सज्जाद ने वॉकआउट क्यों नहीं किया? अपने अनुदानों के दौरान, मैंने ‘केंद्र शासित प्रदेश’ का उल्लेख किया था।” उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों ने केंद्र शासित प्रदेश के तहत शपथ ली और इसके तहत चुनाव लड़े।

उमर अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा

उमर अब्दुल्ला ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए जोरदार तरीके से लड़ रही है। उन्होंने कहा, “हमने पहली कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया। हमने इसे प्रधानमंत्री को सौंपा। उन्होंने कहा, ” मैंने सोनमर्ग समारोह के दौरान उनके सामने इसे उठाया। जब भी मैं दिल्ली जाता हूं, तो यह बात उठाता हूं कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा पसंद नहीं करते हैं और राज्य का दर्जा बहाल करना चाहते हैं।”
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